Nishant Kumar: सोमवार को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) का उत्तराधिकारी कौन इस चर्चा में बिहार के मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा भी शामिल हो गए. भगवान सिंह कुशवाहा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत को सक्रिय राजनीति में लाने के लिए पार्टी में हो रहे हंगामे पर असहमति जताई.
लालू और नीतीश में कोई अंतर नहीं रह जाएगा- कुशवाहा
यहां संवाददाताओं से बात करते हुए राज्य विधान परिषद के सदस्य ने यह भी कहा कि यदि 47 वर्षीय को जनता दल की कमान सौंपी गई तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के बीच “कोई अंतर नहीं रहेगा”.
कुशवाहा ने कहा, “मैंने कभी भी पार्टी के किसी भी प्रमुख नेता, यहां तक कि प्रवक्ताओं को भी निशांत के बारे में कुछ कहते नहीं देखा. यह शोर ज्यादातर मीडिया में है.” वह होली पर मुख्यमंत्री के आवास पर मनाए गए समारोहों के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब दे रहे थे. इस समारोह में निशांत सभी की निगाहों का केंद्र ने हुए थे, पार्टी के शीर्ष नेता नीतीश कुमार के बेटे के साथ फोटो खिंचवाने के लिए लाइन में लगे थे.
जेडीयू दफ्तर के बाहर लगे Nishant Kumar के पोस्टर
ऐसा चर्चाएं है कि निशांत अपने पिता के उत्तराधिकारी होंगे. वह जेडीयू की कमान संभालेंगे. इन्हीं खबरों के बीच जेडीयू के पटना पार्टी कार्यालय के बाहर लगा एक पोस्टर भी चर्चा के केंद्र में आ गया. निशांत के उत्तराधिकारी होने की खबरों से उत्साहित जेडीयू कार्यकर्ताओं ने ये पोस्टर लगाया. इस पोस्टर में निशांत को “बिहार की आवाज़ सुनने के लिए” “धन्यवाद” दिया गया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि उनका राजनीतिक प्रवेश “बस कुछ ही दिनों की बात है”.

जनता दल में नीतीश कुमार का हुक्म चलेगा-कुशवाहा
हालांकि, कुशवाहा ने इस धारणा से असहमति जताते हुए कहा, “मैं भी सीएम के घर गया था, लेकिन मैंने नीतीश कुमार का अभिवादन किया. मैंने निशांत के साथ घुलने-मिलने की कोई कोशिश नहीं की.”
यह पूछे जाने पर कि क्या वह निशांत के राजनीतिक प्रवेश के पक्ष में हैं या नहीं, कुशवाहा, जो संस्थापक सदस्य होने के बावजूद पार्टी में आते-जाते रहे हैं, ने कहा, “मेरी इच्छा का क्या फायदा? जनता दल में नीतीश कुमार का हुक्म चलेगा.”
हालांकि, उन्होंने मीडिया के एक वर्ग में चल रही अटकलों पर नाराजगी जताई कि राजनीति में प्रवेश करने के बाद निशांत अपने पिता की जगह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकते हैं, जो अब 70 वर्ष की उम्र पार कर चुके हैं।
कुशवाहा ने कहा, “अगर ऐसा होता है, तो नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच कोई अंतर नहीं रह जाएगा. क्या ऐसा होना चाहिए?”
ये राजनीतिक सवाल नहीं है- अशोक चौधरी
इस बीच, कुमार के प्रमुख सहयोगी और जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव अशोक चौधरी ने कहा कि निशांत का राजनीति में प्रवेश “कोई राजनीतिक सवाल नहीं है”.
मंत्री ने संवाददाताओं से कहा, “यह कोई राजनीतिक सवाल नहीं है जिस पर हमें बात करनी चाहिए. यह फैसला पिता-पुत्र की जोड़ी को लेना है. एक बार जब वे निर्णय ले लेंगे, तो औपचारिकताएं पूरी करने में एक दिन भी नहीं लगेगा.”
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