Parliament session: शुक्रवार को बजट सत्र के छठा दिन भी दोनों सदनों में हंगामेदार रहने की उम्मीद है. गुरुवार को जयशंकर ने राज्यसभा में निर्वासित भारतीयों के मुददे पर कहा था, “हम निश्चित रूप से अमेरिकी सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्वासित व्यक्तियों के साथ उनकी उड़ान के दौरान किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न हो.”
उन्होंने आगे कहा, “साथ ही, सदन को यह समझना चाहिए कि हमारा ध्यान अवैध प्रवास उद्योग पर कड़ी कार्रवाई करने पर होना चाहिए, साथ ही वैध यात्रियों के लिए वीजा की सुविधा के लिए कदम उठाने चाहिए.” मंत्री ने स्पष्ट किया कि निर्वासन कोई नई प्रक्रिया नहीं है. आज इसी बयान को लेकर हंगामा होने की उम्मीद है.
उनका संसदीय इतिहास का ‘सबसे खराब’ बयान- विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान पर बोले सपा सांसद राम गोपाल यादव
सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, “मैंने अपने संसदीय इतिहास में किसी भी मंत्री से इससे खराब बयान नहीं सुना. यह कहना कि अमेरिका से निर्वासित करना कोई नई बात नहीं है… हमारे जिन लोगों को वापस भेजा गया है, उनके साथ यहां अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है… वे अभी भी एक तरह से हिरासत में हैं. उनसे पूछताछ की जा रही है.”
30 बिहार सांसदों ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की
इस बीच सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले बिहार के भाजपा, जद(यू) और एनडीए सहयोगी दलों के लगभग 30 सांसदों ने आज संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और अपने राज्य के लिए बजट घोषणाओं के लिए उन्हें बधाई दी.
एनसीपी (एससीपी) ने पीएम मोदी के राज्यसभा भाषण की आलोचना की
एनसीपी-एससीपी के प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो ने पीएम नरेंद्र मोदी के राज्यसभा में दिए भाषण की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा को वंशवादी राजनीति पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है.
उन्होंने कहा, “भाजपा को वंशवादी राजनीति के बारे में बोलने का अधिकार नहीं है… क्योंकि वे खुद वंशवादी राजनीति में गहराई से डूबे हुए हैं.”
श्रीलंका में भारतीय मछुआरों के मुद्दे पर विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में किया प्रदर्शन
विपक्षी सांसदों ने श्रीलंकाई सेना द्वारा पकड़े गए भारतीय मछुआरों को वापस लाने की मांग को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया.
डीएमके सांसद कनिमोझी ने श्रीलंका द्वारा गिरफ्तार किए गए तमिल मछुआरों का मुद्दा उठाया और उनकी रिहाई की मांग की.
“श्रीलंकाई नौसेना तमिलनाडु के मछुआरों को गिरफ्तार कर उन्हें परेशान कर रही है. अब, लगभग 97 तमिलनाडु के मछुआरों को गिरफ्तार किया गया है. हमारे सीएम एमके स्टालिन ने मंत्री और पीएम को पत्र लिखा है. जब भी वे यहां आते हैं, वे पीएम से इस समस्या का समाधान निकालने पर जोर देते हैं. उन्होंने हमारे मछुआरों की लगभग 210 नावें छीन ली हैं. इससे उनकी आजीविका प्रभावित हो रही है। मछुआरे अपनी नावों के बिना क्या कर सकते हैं?… यह तमिलनाडु में एक बड़ा मुद्दा बन रहा है, खासकर मछुआरों के लिए क्योंकि उनकी पूरी आजीविका, परिवार और सब कुछ प्रभावित हो रहा है. केंद्र सरकार ने मछुआरों के समूहों के बीच विचार-विमर्श करने और इस मुद्दे को स्थायी रूप से हल करने के लिए समितियों का गठन करने का वादा किया था, लेकिन अभी तक इस बारे में कुछ नहीं किया है. हमारी मांग है कि गिरफ्तार किए गए मछुआरों को रिहा किया जाए। उन्हें रिहा करने के लिए दबाव बनाना होगा. न्याय होना चाहिए। जिन नावों को पकड़ा गया है, हम चाहते हैं कि उन्हें छोड़ा जाए। हमारे मुख्यमंत्री इस समस्या के स्थायी समाधान पर जोर देते हैं. हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार श्रीलंका सरकार से बात करे और इसका स्थायी समाधान निकाले,” उन्होंने एएनआई से कहा.
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