Sunday, December 22, 2024

Millet hub: बजट में वित्त मंत्री ने दी आटे-चावल की जगह श्रीअन्न खाने की सलहा, कहा- देश को मिलेट्स का ग्लोबल हब बनाना है

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण की शुरुआत करते हुए ‘अमृत काल’ का जिक्र किया. वित्त मंत्री ने कहा कि ‘अमृत काल’  नए भारत का युग है. ये वक्त कोई भी काम शुरू करने के लिए सबसे शुभ काल माना जाता है.

वित्त मंत्री ने अपना 5वां बजट पेश करते हुए कहा कि वह भारत को मोटे अनाज के लिए वैश्विक केंद्र बनाना चाहती हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान में, भारत मोटे अनाज का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. ऐसे वक्त में जब पिछले एक साल में गेहूं का आटा 40 प्रतिशत और इस साल के सिर्फ एक महीने में 7 से 10 प्रतिशत महंगा हो गया है. वित्त मंत्री की ये सलाह कि चावल और आटे के बदले बाजरा, रागी, ज्वार जैसे अनाज का इस्तेमाल करें सिर्फ आपकी सेहत के लिए ही नहीं बल्कि आपकी जेब के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है. हलांकि शहरी इलाकों में जहां मोटे अनाज यानी मिलेट्स से जुड़े फायदों को लेकर जागरूकता बढ़ी है वहां ये अनाज भी ऊंची दरों पर ही उपलब्ध है.

मोटे अनाज को लोकप्रिय बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है-वित्त मंत्री

अपने भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ के नाम से पुकारा और कहा कि इसका मतलब भारत में होता है “सभी अनाजों की जननी”. ‘श्री अन्न’ का सीधा अनुवाद हिंदी में समृद्धि और अनाज है.

वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस मोटे अनाज को लोकप्रिय बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है, उन्होंने कहा कि आप इस सुपरफूड को नाश्ते, दोपहर के भोजन, स्नैक्स और डिनर में उपमा, पेनकेक्स, इडली, चपाती, खिचड़ी, सलाद, लड्डू, चिक्की, सूप और कप केक के रूप में शामिल कर सकते हैं. इसको आप चावल और गेहूं से बनने वाले व्यंजनों में चावल और गेहूं की जगह कर कते हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में  हैदराबाद में भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान जो कि एक उत्कृष्टता केंद्र है का समर्थन करेगी. जिससे ये मिलेट्स संस्थान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज से जुड़ी प्रथाओं, तकनीक, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी को साझा कर सके. निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनकी सरकार पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर भी ध्यान देने के साथ कृषि ऋण लक्ष्य को भी बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये कर रही है.

क्या है मोटा अनाज खाने के फायदे

अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिलेट्स यानी मोटे अनाज को बढ़ावा देने की बात कहीं. उन्होंने कहा कि श्रीअन्न रागी, श्रीअन्न बाजरा, श्रीअन्न रामदाना, श्रीअन्न कुंगनी, श्रीअन्न कुट्टू इन सबके के हेल्थ को बहुत फायदे हैं. आइये आपको बताते है क्या है वो फायदे जिनकी बात निर्मला सीतारमण कर रही थी. तो मिलेट्स यानी मोटा अनाज जिसे आप , यह देसी सुपरफूड भी कह सकते है ये मोटापे को दूर रखने, टाइप-2 डायबिटीज को मैनेज करने तक जैसे कई फायदों से भरपूर है.

मजबूत आंत: पोटैशियम से भरपूर ये मोटा अनाज आपकी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए बहुत अच्छा है. इससे बने भोजन में मौजूद फाइबर आपको लंबे समय तक भरा हुआ रखेंगे और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखेंगे.

मस्तिष्क स्वास्थ्य: इस अनाज में मौजूद पोटेशियम नसों को मजबूत करने में मदद करता है, ये मांसपेशियों को बेहतर काम करने में मदद करता है जो कि दिमाग के लिए संदेशवाहक का काम करती हैं.

मोटापा: मिलेट्स विटामिन ए, विटामिन बी, फास्फोरस, पोटेशियम, एंटीऑक्सिडेंट, नियासिन, कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है. यह शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान कर सकता है, वजन घटाने में सहायता होता है और मोटापे को दूर रखने में मदद करता है.

ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार: मोटा अनाज यानी मिलेट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. इसलिए ये प्री डायबिटीज और डायबिटीज रोगियों के लिए सबसे अच्छा भोजन माना जाता है यह ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने में भी फायदेमंद है.

Html code here! Replace this with any non empty raw html code and that's it.

Latest news

Related news