दिल्ली AIIMS के डायरेक्टर कि तरफ से एक बेहद अजीबो गरीब फरमान जारी किया गया था . जिसमें देश के तमाम मंत्री और VIP लोगों को AIIMS जैसी संस्थाओं में VIP ट्रीटमेंट देने का प्रस्ताव लाया गया था . जिसका आने से पहले विरोध शुरू हो गया था. देश के बड़े बड़े डॉक्टर्स और FAIMA जैसी बड़ी संस्थाओं के विरोध के बाद इस SOP (स्टैण्डर्ड ऑपरेशनल प्रोसीजर) को वापस ले लिया गया.
#Breaking
Victory for everyone!
We always stand against #VIP culture!
We will never compromise with our stand!#SAY_NO_TO_VIP_CULTURE @aiims_newdelhi Director had to withdrawn letter of Special treatment for #MPs!
We thanks every #RDAs & #Media who supported us in this fight! https://t.co/nF3LH0hxlZ pic.twitter.com/TLpU2hfzhn— FAIMA Doctors Association (@FAIMA_INDIA_) October 21, 2022
क्या आप जानते हैं कि इस आदेश के तहत AIIMS जैसे अस्पतालों में आम लोगों से पहले VIP लोगों का इलाज अनिवार्य हो जाता . भले ही आपकी हालत कितनी भी गंभीर होती . तो उसे भी नज़र अंदाज़ कर पहले उन VIP को स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जाता. कुछ ऐसा ही अजीबो गरीब फरमान जारी किया था AIIMS दिल्ली के डायरेक्टर साहब ने जिसमे सिर्फ मंत्री ही नहीं बल्कि उनकी सिफारिश से इलाज लेने वालों को भी प्राथमिकता दी जाती.
यानी कोई भी व्यक्ति सांसद महोदय की चिट्ठी या फ़ोन पर बात करवाता. तो सबसे पहले उसे इलाज दिया जाता. उसे ना तो लाइन में लगने कि जरुरत पड़ती और ना ही देरी से इलाज के चलते किसी मंत्री के ख़ास की जान को खतरा होता. यहाँ तक कि डॉक्टरों की एक टीम उसके आगे नतमस्तक होके इलाज लेने की विभिन्न प्रक्रिया जैसे कि आउटडोर में लाइन में लगके पर्ची कटवाना,फिर डॉक्टर की ओपीडी के बाहर लाइन में लगके डॉक्टर को दिखाना ,फिर डॉक्टर की तरफ से लिखी हुई जांच के लिए फिर से पर्ची की लाइन में लगना. ये सब काम वो डॉक्टर ही करते. आम आदमी इलाज को तरसता रहता . एक तो वैसे ही हमारे देश में डॉक्टरों की कमी है ऊपर से जो डॉक्टर है अब वो भी इन मंत्री की जी हुज़ूरी में लग जाते .
इस फैसले के सामने आने के बाद देश के कोने कोने में डॉक्टरों का विरोध शुरू हो चुका था . डॉक्टरों का कहना था कि हमारे लिए हर मरीज़ VIP है , हम सभी मरीज़ों का VIP की तरह इलाज करते हैं .
वहीँ दूसरे डॉक्टर का कहना था कि दिल्ली AIIMS जैसे प्रतिष्ठित संस्थान की तरफ से इस तरह के दिशा निर्देशों की अपेक्षा नहीं थी . इस तरह VIP कल्चर को अस्पताल जैसी ज़िम्मेदार जगहों पर गैर ज़िम्मेदार तरीके से लागु नहीं करना चाहिए .
सभी डॉक्टर और FAIMA जैसे बड़ी संस्थाओं का कहना था कि दिल्ली AIIMS के डॉयरेक्टर को ये SOP (स्टैण्डर्ड ऑपरेशनल प्रोसीजर) वापस लेना चाहिए. जब दबाव और ज्यादा बढ़ने लगा तो प्रशासन को एहसास हुआ कि ये फैसला उनकी लुटिया डुबो सकता है. तो उन्होंने अपना फैसला वापस ले लिया . प्रसाशन की तरफ से VIP ट्रीटमेंट का ये फैसला 17 अक्टूबर को लिया गया था . लेकिन आज यानी 21 अक्टूबर को वो फैसला निरस्त कर दिया गया है . डॉक्टर्स और FAIMA जैसे संगठनों के दबाव के सामने प्रशासन को झुकना ही पड़ा .