दिल्ली : शोले फिल्म का ये डायलॉग तो आपने सुना ही होगा. “यहाँ से पचास-पचास कोस दूर जब बच्चा रात को रोता है तो माँ कहती है सो जा बेटे नहीं तो गब्बर आ जाएगा.” इस डायलॉग में डाकू गब्बर लोगों के दिलों में बसे जिस खौफ को समझाने की कोशिश कर रहा है ऐसा ही एक खौफ पिछले कई सालों से, खासकर पिछले 9 सालों से देश के बहुसंख्यकों के मन में बैठाया जा रहा था कि अगर उन्होंने बीजेपी को नहीं चुना तो हिंदू या कहें हिंदू धर्म खतरे में आ जाएगा.
खुद प्रधानमंत्री मोदी और Amit Shah आजकल इंडिया गठबंधन का नाम लेकर दावे कर रहे हैं कि इंडिया सनातन धर्म को खत्म करने के लिए बना गठबंधन है. जोर शोर से सनातन धर्म को बचाने की अपील हो रही है. 2024 सर पर है और माहौल फिर हिंदू बनाम मुसलमान करने की कोशिश है लेकिन इस बीच Amit Shah के केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में ऐसा जवाब दिया है कि अब खुद प्रधानमंत्री और उनकी पूरी पार्टी झूठी साबित हो गई है.
न हिंदू न हिंदू धर्म खतरे में है-गृह मंत्रालय Amit Shah
जी हां केंद्रीय गृह मंत्रालय, जिसका मुखिया इस वक्त प्रधानमंत्री मोदी के बाद देश का सबसे ताकतवर आदमी है. जिसे चुनावी राजनीति का चाणक्य कहा जाता है. यानी अमित शाह Amit Shah के मंत्रालय ने एक ऐसा खुलासा किया है जिसे जानने के बाद देश की मौजूदा राजनीति और 2024 के चुनावी मुद्दे बेमानी साबित हो जाएंगे.
नागपुर के RTI कार्यकर्ता मोहनीश जबलपुरे की दायर एक सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मांगी गई जानकारी के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया है कि, देश में हिंदू धर्म को कोई खतरा नहीं है. दरअसल समाजिक कार्यकर्ता जबलपुरे ने गृह मंत्रालय से इस बात के सबूत मांगे थे कि देश में हिंदू धर्म खतरे में है.
उनकी आरटीआई क्वेरी के जवाब में, गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय को हिंदू धर्म के लिए कथित खतरों का न तो पता है और न ही उसके पास कोई सबूत है. जवाब में कहा गया कि विभाग के लिए ‘हाइपोथिरिकल प्रश्न’ का उत्तर देना संभव नहीं है.
जबलपुरे ने मीडिया को बताया, “यह पहली बार है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) के एक प्रमुख अधिकारी ने कहा है कि ‘हिंदू धर्म के लिए खतरों’ से संबंधित एक प्रश्न भी काल्पनिक है. और उन्होंने रिकॉर्ड पर स्वीकार किया है कि उनके पास ऐसी किसी भी अटकल का समर्थन करने के लिए कोई रिकॉर्ड नहीं है.”
‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की भी किसी जानकारी से गृह मंत्रालय ने किया था इनकार
वैसे ये पहला मौका नहीं है जब गृह मंत्रालय ने बीजेपी के बड़े और फेमस एजेंडे को काल्पनिक या निराधार बताया हो.इससे पहले गृह मंत्रालय ने ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की भी किसी जानकारी से इनकार किया था.
26 दिसंबर 2019 में आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले की दायर एक आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने कहा था कि उसके पास ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ के संबंध में “कोई जानकारी नहीं” है. तब टुकड़े-टुकड़े गैंग वो शब्द था जिसका इस्तेमाल पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अपनी कई रैलियों में विरोधियों पर हमला करने के लिए कर रहे थे.
साकेत गोखले ने गृह मंत्रालय से अपने सवाल में लिखा था कि, “अमित शाह ने नई दिल्ली के एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधिन में कहा था कि, ‘दिल्ली के टुकड़े-टुकड़े गैंग को सबक सिखाने और दंडित करने की जरूरत है.” गोखले ने अपनी आरटीआई में इसी ‘टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की जानकारी मांगी थी.
आपको बता दें, ‘टुकड़े टुकड़े गैंग’ शब्द फरवरी 2016 में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हुए विवाद के तुरंत बाद गढ़ा गया था, जहां यह आरोप लगाया गया था कि कुछ लोगों ने “भारत विरोधी नारे” लगाए थे.
जिसके बाद विपक्ष पर हमला करने के लिए पीएम मोदी, अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों और लोगों ने इस शब्द का इस्तेमाल किया था.
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