Maharashtra Cash-for-votes: शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत को मतदाताओं को पैसे बांटने के आरोपों के लिए मानहानि का नोटिस भेजा.
माफी मांगो या 100 करोड़ का जुर्माना भरो
हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक तावड़े के वकील ने तीनों कांग्रेस नेताओं को एक कानूनी नोटिस भेजकर माफी मांगने को कहा है, नहीं तो उन पर 100 करोड़ रुपये का मुकदमा किया जाएगा.
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, तावड़े ने उनसे बिना शर्त माफी मांगने को कहा है. उन्होंने कहा कि माफी नहीं मांगने पर वह उनके खिलाफ आपराधिक और दीवानी मुकदमा दायर करेंगे.
राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा था
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान से एक दिन पहले तावड़े के एक होटल में पैसे के साथ होने की खबर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, “मोदी जी, ये 5 करोड़ किसकी तिजोरी से आए? किसने जनता का पैसा लूटकर आपको टेंपो में भेजा?”
वहीं, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला किया और कहा कि प्रधानमंत्री धन और बाहुबल से महाराष्ट्र को “सुरक्षित” रखने का वादा करते हैं, वहीं उनकी पार्टी के नेता को 5 करोड़ रुपये नकद के साथ “रंगें हाथ पकड़ा गया”.
क्या है Maharashtra Cash-for-votes विवाद
कैश-फॉर-वोट विवाद महाराष्ट्र में 20 नवंबर को 288 निर्वाचन क्षेत्रों में होने वाले मतदान से एक दिन पहले शुरू हुआ. 19 नवंबर को बहुजन विकास अघाड़ी के नेता हितेंद्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि वरिष्ठ भाजपा नेता विनोद तावड़े ने पालघर जिले के एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाताओं को पैसे बांटे. तावड़े और बीवीए नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच टकराव का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है.
“कुछ भाजपा नेताओं ने मुझे सूचित किया कि भाजपा महासचिव विनोद तावड़े मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए 5 करोड़ रुपये बांटने विरार आ रहे हैं. मुझे लगा कि उनके जैसा राष्ट्रीय नेता इतना छोटा काम नहीं करेगा। लेकिन मैंने उन्हें यहां देखा. मैं चुनाव आयोग से उनके और भाजपा के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करता हूं,” पीटीआई ने ठाकुर के हवाले से कहा.
बीवीए विधायक ने आरोप लगाया कि जिस होटल में तावड़े ठहरे थे, उसने सीसीटीवी रिकॉर्डिंग बंद कर दी थी.
उन्होंने कहा, “होटल प्रशासन तावड़े और भाजपा के साथ मिलीभगत करता हुआ प्रतीत होता है. उन्होंने हमारे अनुरोध के बाद ही सीसीटीवी चालू किया. तावड़े मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसे बांट रहे थे.”
विनोद तावड़े ने अपनी सफाई में क्या कहा
विनोद तावड़े ने आरोपों को खारिज किया अपने खिलाफ रिश्वत के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “नालासोपारा के विधायकों की एक बैठक चल रही थी. मैं उन्हें मतदान के दिन के लिए आदर्श आचार संहिता के बारे में बताने गया था, वोटिंग मशीनों को कैसे सील किया जाएगा और अगर कोई आपत्ति दर्ज की जाती है तो क्या करना है.” “पार्टी (बहुजन विकास अघाड़ी) के कार्यकर्ता अप्पा ठाकुर और क्षितिज ने सोचा कि हम पैसे बांट रहे हैं. चुनाव आयोग और पुलिस को जांच करनी चाहिए, उन्हें सीसीटीवी फुटेज मिलनी चाहिए. मैं 40 साल से पार्टी में हूं. अप्पा ठाकुर और क्षितिज मुझे जानते हैं, और पूरी पार्टी मुझे जानती है. फिर भी, मेरा मानना है कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष जांच करनी चाहिए,”
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