लखनऊ : उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि सर्वे की कार्रवाई पूरी हो चुकी है और लगभग 7500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे प्रदेश में पाए गए हैं. हालांकि 15 नवंबर तक सभी डीएम अपने-अपने जिलों की रिपोर्ट शासन को भेजेंगे. 15 नवंबर को सर्वे की आधिकारिक रिपोर्ट जारी होगी.
यूपी में 10 सितंबर को मदरसों को लेकर शुरू किया गया सर्वे पूरा हो गया है. सर्वे में मुख्य रूप से यह पता किया गया कि मदरसों की आय के क्या स्रोत हैं. साथ ही भवन, पानी, फर्नीचर, बिजली व शौचालय के क्या इंतजाम हैं और कौन संस्था संचालित करती है? इसके अलावा मान्यता की स्थिति, छात्रों की संख्या और उनकी सुरक्षा के इंतजाम, पाठ्यक्रम व पढ़ाने वाले शिक्षकों की संख्या जैसे विभिन्न बिंदुओं की पड़ताल की गई.
उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने अपने बयान में दारुल उलूम देवबंद मदरसे के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि बीते दिनों दारुल उलूम देवबंद की मान्यता को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे जिसपर मैं बताना चाहूंगा की उत्तर प्रदेश असाधारण गजट 22 जुलाई 2016 में लिखा है कि दारुल उलूम देवबंद जैसे दस मदरसे हैं जिनकी डिग्री मदरसा परिषद के समक्ष मानी जाएगी.
दारुल उलूम दवतुल उलेमा, लखनऊ दारुल उलूम देवबन्द , गजाहिरुल उलूम सहारनपुर, मदरसा आलिया (ओरियन्टल कालेज) रामपुर, जामियतुल सलफिया वाराणसी, मदरसतुल इस्लाह आजमगढ़, जामिया अशरफिया मुबारकपुर आजमगढ़, जामवतुल फलाह मिलरियागंज आजमगढ़, सुल्तानुल मदारिस, लखनऊ द्वारा प्रदत्त आलिमीयत या फजीलत मदरसा शिक्षा परिषद, उ० प्र० के आलिम / फाजिल के समकक्ष समझी जाएगी.