नई दिल्ली मोदी सरकार के संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने आज जब से ट्वीटर पोस्ट के माध्यम से मीडिया को संसद के विशेष सत्र की जानकारी दी है तब से पत्रकार तो छोड़िये विपक्ष के नेता तक हैरान हैं. लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी के मुताबिक ऐसा कभी नहीं होता है कि बिना किसी विचार विमर्श के सरकार संसद का विशेष सत्र बुला ले. सरकार संसद के बुलेटिन के माध्यम से या कम से कम फोन पर जानकारी देने की बाद ही सत्र बुलाती है. कांग्रेस नेता अधीर रंजन के मुताबिक उन्हें भी ये जानकारी नहीं है कि इस विशेष सत्र का एजेंडा क्या हो सकता है ?
#WATCH | On a special session of Parliament called by the government, Congress MP Adhir Ranjan Chowdhury says "We have not been told anything officially on this. Usually, a bulletin is published or information is given on the phone. Don't know what important situation has arisen… pic.twitter.com/Hq7UoV5lGl
— ANI (@ANI) August 31, 2023
संसद का विशेष सत्र : कयासों का बाजार गर्म
दरअसल जब से विशेष सत्र की जानकारी सामने आई है तब से कयासों का बाजार गर्म है. कयास लगाये जा रहे हैं कि सरकार 5 दिन के विशेष सत्र में एक देश एक चुनाव, यूनिफॉर्म सिविल कोड, अडानी सेबी मामला और जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म करने के लेकर दिये आदेश पर चर्चा कर सकती है.
एक देश एक चुनाव (OneNationOneElection)
सियासी गलियारों से मिल रही जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार इस विशेष सत्र में एक देश एक चुनाव का बिल संसद में ला सकती है. इस का सीधा मतलब ये होगा कि देश में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ कराये जाने का फैसला हो सकता है.
यूनिफॉर्म सिविल कोड
देश में लोकसभा चुनाव 2024 के होने में लगभग एक साल से भी कम का समय बचा है. ऐसे में मोदी सरकार इस चुनाव को जीतने के लिए कोई भी कमी रखने के लिए तैयार नहीं है. यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अभी कोई साफ प्रारुप तैयार नहीं है लेकिन राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सरकार इस पर कुछ बड़ा कर सकती है. हलांकि कांग्रेस नेता शशि थरूर के मुताबिक अभी यूनिफॉर्म सिविल कोड दूर की कौड़ी है.
#WATCH | Congress MP Shashi Tharoor on Uniform Civil Code
"…We've not seen a UCC draft. We all are talking about UCC but do we even know what UCC is. Do we know what rules are going to be changed? Which community will have to sacrifice what? We have no idea. We are talking in… pic.twitter.com/mjJP8ZgNIL
— ANI (@ANI) August 31, 2023
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 का खात्मा
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाये जाने को लेकर केंद्र सरकार से कड़े सवाल पूछे हैं. सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 370 हटाये जाने को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार से पूछा है कि किस आधार पर एक केंद्र शासित प्रदेश को राज्य बनाने का फैसला लिया गया. सरकार इसक जवाब दे. बता दें कि 2019 में केंद्र में बहुमत के साथ आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को स्पेशल स्टेटस का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने का फ़ैसला लिया था. सुप्रीम कोर्ट ने इस इस मामले में सुनवाई करते हुए मंगलवार को राज्य में लोकतंत्र बहाली की ज़रूरत पर ज़ोर दिया. सुप्रीम कोर्ट का ये आदेश सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है.
अडानी सेबी (ADANI-SEBI) मामला
एक तरफ सरकार G-20 की तैयारियों में व्यस्त है, इस बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर से अडानी सेबी मामले को हवा दे दी है. राहुल गांधी ने दो बिजनेस अखबारों में छपी खबर के आधार पर देश के प्रधानमंत्री मोदी से भारतीय उद्योगपति अडानी को लेकर सवाल पूछा है. अखबार के आधार पर राहुल गांधी ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि देश से एक बिलियन डॉलर (सौ करोड़ रुपया) बाहर गया और फिर अलग अलग माध्यमों से वापस देश में आया. इस पैसे के जरिये अडानी शेयर्स के दाम बढ़ाये गये. अखबार के मुताबिक अडानी जो भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी हैं उनके साथ इन रुपयों के संबंध है.राहुल गांधी ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि सरकार इस मामले में जेपीसी की इजाजत क्यों नहीं दे रही है, खुद पीम मोदी आगे आकर इसकी जांच क्यों नहीं करा रहे हैं?
संसद के विशेष सत्र के साथ ये सवाल हवा में तैर रहे हैं. और कयासों का बाजार गर्म है .