मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मार्च के फैसले को खारिज कर देने और 2004 के उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम UP Madrasa Act को असंवैधानिक घोषित किया जाने पर यूपी की दोनों बड़ी विपक्षी पार्टियों एसपी और बीएसपी ने स्वागत किया.
UP Madrasa Act: मदरसों के भविष्य पर छाई अनिश्चितता होगी समाप्त-मायावती
बहूजन समाज पार्टी (बीएसपी) के प्रमुख मायावती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने मदरसों के भविष्य पर छाई अनिश्चितता को समाप्त कर दिया है.
उन्होंने एकेस पर किए अपने पोस्ट में लिखा, ” मा. सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज एक अहम फैसले में यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड कानून-2004 को वैध व संवैधानिक करार दिए जाने के फैसले का स्वागत. इससे यूपी में मदरसा शिक्षा को लेकर उपजे विवाद व हजारों मदरसों की अनिश्चितता को अब निश्चय ही समाप्त होने की संभावना. इस पर सही से अमल जरूरी.”
उसने एक्स पर लिखा, “मा. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब खासकर यूपी के मदरसों को मान्यता मिलने और उनके सुचारू संचालन में स्थायित्व आने की संभावना है. अदालत ने कहा कि मदरसा एक्ट के प्रावधान संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप हैं और ये धार्मिक अल्पसंख्यकों के शैक्षिक अधिकारों की सुरक्षा करते है.”
बीजेपी देश के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करना चाहती है-एसपी
इस बीच, समाजवादी पार्टी ने भाजपा को यह कहते हुए आड़े हाथों लिया कि बीजेपी देश के लोगों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित करना चाहती है.
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन ने कहा, “भाजपा अपने संवैधानिक अधिकारों से लोगों को वंचित करना चाहती थी. मदरसों को देश की स्वतंत्रता के बाद कानूनी रूप से स्थापित किया गया था, लेकिन चूंकि भाजपा सरकार अल्पसंख्यकों के खिलाफ है और नफरत की राजनीति करती है, इसलिए मदरसों के खिलाफ लगातार बातचीत और बयान दिए गए थे.”
आपको बता दें, मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने 2004 के उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा शिक्षा कानून की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा और एक इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को अलग कर दिया और इस आधार पर इसे खारिज कर दिया कि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन था.
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