झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर (Soren writes to PM Modi) केंद्र सरकार से राज्य में कार्यरत कोयला कंपनियों से राज्य के खजाने में देय धनराशि जारी करने का आग्रह किया.
सोरेन ने दोहराया कि बकाया राशि का ब्यौरा देने संबंधी राज्य सरकार की मांग राज्य की जायज मांग है और कहा कि वह केवल न्याय के लिए है लड़ रहे हैं, विशेषाधिकार के लिए नहीं.
2022 में भी लिखा था पीएम को बकाया राशी देने के लिए पत्र
सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन सरकार 2019 में सत्ता में आने के बाद से ही इस मुद्दे को उठा रही है. ठीक चुनाव से पहले इस मुद्दे पर पत्र लिख जेएमएम ने साफ कर दिया है कि वो हार मानने वाले नहीं है.
सोरेन ने 2022 में प्रधानमंत्री को इसी तरह का पत्र लिखा था, जिसमें केंद्र से 1.36 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई थी.
हम न विशेष दर्जा मांग रहे है न केंद्रीय बजट में हिस्सा-सोरेन
सोरेन ने कहा, “न तो हम भाजपा के गठबंधन राज्यों की तरह विशेष दर्जा मांग रहे हैं, न ही हम केंद्रीय बजट का बड़ा हिस्सा मांग रहे हैं. हम सिर्फ वही मांग रहे हैं जो हमारा अधिकार है. हमारी मांग न्याय की है, न कि विशेष दर्जे की. झारखंड के लोगों ने अलग राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया है और अब हम अपने अधिकारों और संसाधनों का न्यायोचित उपयोग चाहते हैं.”
Soren writes to PM Modi: हम अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए.
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बकाया राशि से राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों को उनकी पहचान और पारंपरिक प्रथाओं के अनुरूप शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे सहित सभी क्षेत्रों में बेहतर सुविधाएं प्रदान करने में मदद मिलेगी. सोरेन ने कहा कि केंद्र को इस पर जल्द ही निर्णय लेना चाहिए और झारखंड के विकास में भागीदार बनना चाहिए.
सोरेन ने कहा, “हम अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए. झारखंड में जन्मे हर व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह राज्य के अधिकारों के लिए लड़े. हम एकजुट रहेंगे, अपनी जायज मांगों को पूरा करेंगे और उन्हें हासिल करेंगे, जैसा कि हमारे पूर्वजों ने किया था.”