दिल्ली में हुए श्रद्धा मर्डर केस में लगातार सनसनीखेज खुलासे सामने आ रहे हैं.आफ़ताब ने श्रद्धा की हत्या बाद भी उसके ATM और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया
आफताब ने श्रद्धा को मई में मौत के घाट उतारा दिया था इसके बावजूद वो ATM और क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता रहा. माणिकपुर पुलिस ने 3 नवंबर को जब आधिकारिक तौर पर लिखित बयान लेना शुरू किया तब आफ़ताब की मुश्किल बढ़ गयी, क्योंकि वो सोशल मीडिया में लगातार श्रद्धा के अकाउंट से अपडेट करता था ताकि सबको लगे कि श्रद्धा जिंदा है और अपना सोशल अकाउंट ऑपरेट कर रही है. लेकिन अकाउंट ट्रांजेक्शन ने आफ़ताब को फंसा दिया फिर पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की और पहली बार आफ़ताब ने पुलिस के सामने स्वीकार किया कि ‘I KILLED HER’ लेकिन पुलिस को यकीन नहीं हुआ. इसलिए दिल्ली पुलिस को तत्काल सूचित किया और 8 नवंबर को माणिकपुर पुलिस के इंस्पेक्टर सचिन सानप दिल्ली पहुंचे और उसके बाद केस का खुलासा हुआ.
26 अक्तुबर के दिन मानिकपुर पुलिस ने आफ़ताब का पहली बार बयान लिया लेकिन ये मौखिक बयान था, उस बयान में वो सिर्फ झगड़ा करके निकल जाने की बात कहता रहा. 3 नवंबर को उसका लिखित बयान लिया गया. इस समय जब पुलिस कागजी दस्तावेज बैंक अकाउंट डिटेल्स मोबाइल लोकेशन हाथ में लेकर बैठी तब आफ़ताब के पास कोई जवाब नहीं था.
श्रद्धा का फ़ोन 26 मई को बंद हुआ, पुलिस ने जाँच में पाया की श्रद्धा का फ़ोन 22 मई से 26 मई के बीच ऑनलाइन पैसे ट्रांसफ़र करने के लिए इस्तेमाल हुआ क्योंकि श्रद्धा के बैंक अकाउंट से 54000 रुपए आफ़ताब के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रान्सफ़र हुए थे, जिस समय फ़ोन से ऑनलाइन ट्रैंज़ैक्शन हुआ फ़ोन का लोकेशन छतरपुर ही था. इसी झूठ से आफ़ताब बेनकाब हो गया, पूछताछ की तो आफ़ताब ने बताया की उसे श्रद्धा का मोबाइल password पता था और उसने ही श्रद्धा के फ़ोन से पैसे ट्रान्सफ़र किए.