Wednesday, December 4, 2024

Golden Temple: अमृतसर में सुखबीर बादल पर हमला, गोली चलाने की कोशिश करने वाला व्यक्ति गिरफ्तार

Golden Temple: बुधवार को पंजाब के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर Golden Temple परिसर में गोलियां चली. गोलियां उस वक्त चली जब शिरोमणि अकाली दल (SAD) के नेता, जिनमें पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल भी शामिल हैं, श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा उनके लिए घोषित धार्मिक दंड के तहत ‘सेवा’ कर रहे थे.
पुलिस ने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया जो कथित तौर पर SAD नेता सुखबीर सिंह बादल पर गोली चलाने का प्रयास कर रहा था.

Golden Temple में पूर्व आतंकवादी ने चलाई गोली

शूटर की पहचान नारायण सिंह चौरा के रूप में हुई है, जो कथित तौर पर एक पूर्व आतंकवादी है, जिस पर कई मामले दर्ज हैं और वह भूमिगत है. चौरा डेरा बाबा नानक इलाके का रहने वाला है.
वह मंगलवार को भी सफेद कुर्ता-पायजामा पहने सुखबीर बादल के पास उसी स्थान पर घूम रहा था. घटना के समय नारायण सिंह चौरा सुखबीर सिंह बादल के पास खड़ा था. जब सुखबीर बादल पर गोली चलाई गई तो पास में खड़े एक सेवादार ने अपना हाथ ऊपर की ओर कर दिया, जिससे अकाली नेता बच गए.

2004 में बुड़ैल जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड है चौरा

चौरा को 2004 में बुड़ैल जेल ब्रेक का मास्टरमाइंड बताया जाता है. चौरा ने खालिस्तान समर्थक संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के आतंकी जगतार सिंह हवारा, परमजीत सिंह भियोरा और उनके दो साथियों जगतार सिंह तारा और देवी सिंह को बुड़ैल जेल से भागने में मदद की थी. उसने जेल की बिजली सप्लाई बंद कर दी थी.

आप [भगवंत मान] पंजाब को कहां ले जाना चाहते हैं?- दलजीत सिंह चीमा

SAD नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, ” SAD प्रमुख सुखबीर सिंह बादल गुरु रामदास द्वार पर चौकीदार बनकर बैठे थे. उनकी तरफ गोली चलाई गई…मैं गुरु नानक का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने अपने ‘सेवक’ को बचा लिया…यह बहुत बड़ी घटना है, पंजाब को किस दौर में धकेला जा रहा है?” उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पर हमला करते हुए कहा, “मैं पंजाब के सीएम [भगवंत मान] से पूछना चाहता हूं कि आप पंजाब को कहां ले जाना चाहते हैं?…हमलावर को मौके पर ही पकड़ लिया गया. मैं यहां के सुरक्षाकर्मियों का भी शुक्रिया अदा करता हूं. अगर उन्होंने तुरंत कार्रवाई नहीं की होती…घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए…हम अपनी ‘सेवा’ जारी रखेंगे…”

स्वर्ण मंदिर में सुखबीर बादल ‘तनखाह’ के चलते सेवा कर रहे हैं

सुखबीर सिंह बादल सिख धर्मगुरुओं द्वारा घोषित ‘तनखाह’ (धार्मिक सजा) के तहत स्वर्ण मंदिर के बाहर ‘सेवादार’ या स्वयंसेवक के रूप में कर्तव्य निभाने के लिए स्वर्ण मंदिर में थे. एक हाथ में भाला थामे, नीले रंग की ‘सेवादार’ वर्दी में, सुखबीर सिंह बादल मंगलवार को अपनी सजा काटते हुए व्हीलचेयर पर स्वर्ण मंदिर के प्रवेश द्वार पर थे. बादल के पैर में फ्रैक्चर है.
अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा, जो अपनी उम्र के कारण व्हीलचेयर पर थे, को भी यही सजा मिली, जबकि पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और दलजीत सिंह चीमा ने बर्तन धोए.
बादल और ढींडसा के गले में छोटे-छोटे बोर्ड लटकाए गए, जिसमें उनके “गलत कामों” को स्वीकार किया गया. दोनों नेताओं ने एक घंटे तक ‘सेवादार’ के रूप में काम किया.
पंजाब में 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल सरकार द्वारा की गई “गलतियों” के लिए बादल और अन्य नेताओं के लिए ‘तनखाह’ (धार्मिक दंड) का ऐलान करते हुए, अकाल तख्त पर सिख धर्मगुरुओं ने सोमवार को वरिष्ठ अकाली नेता को ‘सेवादार’ के रूप में सेवा करने और स्वर्ण मंदिर में बर्तन धोने और जूते साफ करने का निर्देश दिया थे.

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