मुंबई : महाराष्ट्र में शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा है कि शिंदे सरकार गिर जाएगी. ये कह कर महाराष्ट्र और देश की राजनीति में उन्होंने सनसनी मचा दी है. उनका कहना है कि अगले 15-20 दिन में महाराष्ट्र की शिंदे सरकार गिर जायेगी.
हंगामेदार है राउत का बयान
शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा है कि मैंने पहले ही कहा था कि महाराष्ट्र की शिंदे सरकार फरवरी तक गिर जायेगी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कारण इसमें देरी हो गई है. अब ये तय है कि अगले 15-20 दिन में शिंदे सरकार गिर जायेगी. संजय राउत((Sanjay Raut) ने कहा कि ये तय हो गया है कि शिंदे सरकार जा रही है. अब केवल तारीख तय होना बाकी है.
संजय राउत के बयान को क्यों मिल रहा है इतना महत्व ?
इसके पहले भी संजय राउत (Sanjay Raut) के बयान अक्सर सही साबित हुए हैं. चाहे 2019 में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस एनसीपी के साथ आना हो. या फिर 2022 में उद्धव सरकार को गिराकर शिंदे सरकार का बनना हो.इसलिए संजय राउत का बयान एक बार फिर से चर्चा में है. अब सवाल ये है कि संजय राउत (Sanjay Raut) के इस तरह के बयान के पीछे आधार क्या है?
ऐसे बयान का आधार क्या है?
आपको बता दें कि 2022 में उद्धव सरकार का तख्ता पलट हुआ था. इसके बाद महाराष्ट्र की कुर्सी पर बैठे एकनाथ शिंदे. शिंदे के खिलाफ शिवसेना नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट में सरकार की वैधता को लेकर सुनवाई हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रखा गया है. उद्धव गुट को सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद है कि यहां फैसला उनके हक में आ सकता है. सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई पूरी कर ली है. फिलहाल फैसला सुरक्षित रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से या तो शिंदे सरकार की वैधता पर मुहर लग जायेगी, या फिर सरकार अवैध करार दी जा सकती है.
उद्धव ठाकरे के बयान को हलांकि शिंदे गुट ने फर्जी ज्योतिष करार दिया. फिर भी ये तय है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शिवसेना उद्धव गुट का भविष्य तय हो जायेगा. अभी तक हुई जिरह और सुनवाई के आधार पर उद्धव गुट को उम्मीद है कि फैसला उनके हक में आयेगा. यही कारण है कि संजय राउत इसे एकनाथ शिंदे सरकार के लिए डेथ वारंट बता रहे हैं.
महाराष्ट्र में घमासान
आपको बता दें कि 2022 में असम रिजार्ट प्रकरण हुआ था. इस के बाद शिवसेना नेता और तत्तकालीन सीएम उद्धव ठाकरे को हटा कर बीजेपी के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने अपनी सरकार बना ली थी. उद्धव ठाकरे की पार्टी के ज्यादातर विधायक एकनाथ शिंदे के साथ खड़े हो गये. महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार को गिराकर एकनाथ शिंदे ने सीएम पद की शपथ ले ली थी . फिर एकनाथ शिंदे ने बहुमत के आधार पर शिवसेना पर दावा किया और फैसला शिंदे के पक्ष में ही आय़ा . इस तरह से उद्धव ठाकरे के हाथ से ना केवल सरकार गई बल्कि पिता की बनाई पार्टी भी चली गई. इसके बाद से ही शिवसेना उद्धव गुट के नेता नई शिवसेना के नेताओं और सरकार पर हमलावर है.