दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन करेगी और उसके बाद ऑड एंड इवन नियम लागू करेगी, शीर्ष अदालत ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण की स्थिति के लिए सरकार को फटकार लगाई और पूछा कि क्या ऑड एंड इवन योजना लागू की जाएगी. सड़कों पर चलने वाली कारों की संख्या का निर्धारण कभी सफल रहा है. दिल्ली सरकार द्वारा 13 नवंबर से 20 नवंबर तक ऑड एंड इवन योजना लागू करने की घोषणा के एक दिन बाद शीर्ष अदालत ने कहा, “यह सब दिखावा है.”
क्या ऑड इवन कभी सफल हुआ है-कोर्ट
राष्ट्रीय राजधानी में पिछली पांच दिनों से घनी धुंध छाए रहने के बीच, दिल्ली सरकार ने दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता में और गिरावट की आशंका को देखते हुए सोमवार को चार साल बाद अपनी ऑड एंड इवन योजना की वापसी की घोषणा की थी. ऑड एंड इवन योजना वाहनों से निकलने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए कारों को उनके ऑड या इवन नंबर प्लेट के आधार पर वैकल्पिक दिनों में संचालित करने की अनुमति देती है.
हलांकि सोमवार को दिल्ली में प्रदूषण पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसके कौल और सुधांशु धूलिया की शीर्ष अदालत की पीठ ने एक तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “दिल्ली में ऑड-ईवन लागू किया गया है, लेकिन क्या यह कभी सफल हुआ है? यह सब दिखावा है.”
पराली जलाना तुरंत रोका जाए
कोर्ट की ये टिप्पणियाँ राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के उद्देश्य से आदेशों के में से एक थी. सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि किसानों द्वारा पराली जलाना “तत्काल” रोका जाए.
लगातार पांच दिनों तक गंभीर वायु गुणवत्ता के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर आज (मंगलवार) सुबह थोड़ा कम हुआ और “बहुत खराब” श्रेणी में दर्ज किया गया. राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 394 रहा, जो सोमवार शाम 4 बजे दर्ज किए गए 421 से मामूली सुधार है.