शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह की न्यायिक हिरासत 10 नवंबर तक बढ़ा दी. संजय सिंह को 4 अक्तूबर को ईडी ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था.
संजय सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर राउज़ एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एम.के. नागपाल के समक्ष पेश किया गया था.
कोर्ट ने सिंह का उचित इलाज सुनिश्चित करने के दिए आदेश
न्यायाधीश नागपाल ने सिंह को कुछ चेक पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी क्योंकि उन्होंने अपने पारिवारिक खर्चों और संसद सदस्य के रूप में करने के लिए बाध्य अन्य कार्यों के लिए ऐसा करने का अनुरोध किया था.
इसके साथ ही, कोर्ट ने संबंधित जेल अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सिंह का उचित इलाज सुनिश्चित करें, जिसमें उनका निजी डॉक्टर भी शामिल हो.
न्यायाधीश ने कहा, “अदालत को अभियुक्त को निजी उपचार देने से इनकार करने का कोई कारण नहीं दिखता. इसलिए, संबंधित जेल अधीक्षक को उचित उपचार सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है. ” इसके साथ ही न्यायाधीश नागपाल ने सिंह की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी.
हाई कोर्ट से भी नहीं मिली संजय सिंह को राहत
इससे पहले आज यानी 27 अक्तूबर को, दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह की कथित शराब घोटाले मामले में उनकी रिमांड और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी.
अपनी याचिका में, सिंह ने कहा था कि वह न तो संदिग्ध हैं और न ही आरोपी हैं और पिछले एक साल से अधिक समय से एक मुख्य आरोप पत्र और दो पूरक आरोप पत्र दायर होने के बावजूद, आज तक याचिकाकर्ता की कोई संलिप्तता नहीं है.
न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा की पीठ ने आदेश पारित किया और कहा कि अदालत को रिमांड या गिरफ्तारी के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं मिला. कोर्ट ने कहा, इस स्तर पर याचिका समयपूर्व है और जांच अभी बाकी है.
इससे पहले संजय सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम चौधरी ने दलील दी कि देश के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति की गिरफ्तारी की कार्रवाई बिना प्रक्रियाओं का पालन किये हुई है. वकील ने कहा, ”अब तक एक साल से अधिक समय से प्रवर्तन निदेशालय ने मुझे कभी नहीं बुलाया.”
सिंह के वकील ने तर्क दिया कि, “अचानक 4 अक्टूबर को, वे मेरे घर आए, तलाशी ली, मेरा मोबाइल फोन और कुछ कागजात ले गए और बाद में शाम को मुझे गिरफ्तार कर लिया. दिनेश अरोड़ा एक ही सवाल के अलग-अलग जवाब देते हैं, अंततः वह वही बोलना शुरू कर देते हैं जो एजेंसी उनसे कहलवाना चाहती है.”
राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने मीडिया से बात करने के लिए करा था मना
संजय सिंह को राउज़ एवेन्यू कोर्ट भाषण देने और मीडिया से बात नहीं देने के लिए भी कह चुका है. 13 अक्टूबर को जब संजय सिंह ने न्यायाधीश नागपाल से कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एक ‘मनोरंजन विभाग’ बन गया है.
तब न्यायाधीश ने उन्हें निर्देश दिया था कि वह असंबद्ध मामलों पर चर्चा न करें या अदालत के अंदर भाषण न दें, अन्यथा वह अब से उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपनी पेशी के लिए कहेंगे.
अदालत ने पहले भी सिंह को पेशी के दौरान मीडिया से बात नहीं करने का निर्देश दिया था और कहा था कि इससे सुरक्षा संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं. जज ने पत्रकारों को यह भी निर्देश दिया कि वे उनसे सवाल न पूछें.
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