रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने भारत नहीं आएंगे. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने शुक्रवार को मॉस्को में कहा कि राष्ट्रपति का फिलहाल ऐसी यात्रा करने का कोई विचार नहीं है.
दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में नहीं शामिल होने के बाद ये दूसरा ऐसा महत्वपूर्ण मौका जिसमें रुसी राष्ट्रपति शामिल नहीं होंगे.
सितंबर की यानी 9 से 10 तारीख को भारत में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शामिल होना था. वैसे पुतिन पिछले साल भी जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भी इंडोनेशिया नहीं गए थे.
वीडियो लिंक के जरिए हो सकते है शामिल
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि अफ्रीका में उभरती अर्थव्यवस्था वाले ब्रिक्स समूह के नेताओं की एक बैठक में पुतिन ने व्यक्तिगत रूप से नहीं, बल्कि वीडियो लिंक के जरिए शिरकत की थी. प्रवक्ता ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में उनकी भागीदारी का स्वरूप के बारे में बाद में जानकारी दी जाएगी.
क्या गिरफ्तारी के डर से देश से बाहर नहीं जा रहे है पुतिन?
फरवरी 2022 में यूक्रेन पर हमले के बाद से पुतिन ने शायद ही कभी रूस छोड़ा हो. रुसी राष्ट्रपति पुतिन के रुस से बाहर नहीं जाने को लेकर कई तर्क दिए जा रहे है. जिसमें उनकी बीमारी से लेकर उनके खिलाफ जारी युद्ध अपराध वारंट तक को वजह बताया जा रहा है.
सूत्रों के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) ने मार्च में पुतिन और रूस की बाल आयुक्त मारिया लावोवा-बेलोवा के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है, जिसमें उन पर यूक्रेन से सैकड़ों बच्चों को अवैध रूप से निर्वासित करने का आरोप लगाया गया है, जो एक युद्ध अपराध है.
हलांकि क्रेमलिन ने इन आरोपों से सख्ती से इनकार किया है. रूस, जो आईसीसी का सदस्य नहीं है, इस बात पर जोर देता है कि पुतिन के खिलाफ वारंट “शून्य” है.
हालाँकि, वारंट का मतलब है कि अगर चेतावनी के बावजूद रूसी राष्ट्रपति विदेश यात्रा करते हैं तो उनको गिरफ्तार किया जा सकता है.
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