RSS centenary year: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अखिल भारत प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि मथुरा के परखम गांव में 25 और 26 अक्टूबर को होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सद्भाव और इस सामाजिक एकजुटता को सुनिश्चित करने की रणनीतियों पर चर्चा की जाएगी.
2025 में आरएसएस अपने 100 वर्ष पूरे करेगा
अम्बेकर ने दो दिवसीय बैठक को महत्वपूर्ण बताया, क्योंकि इसमें 2025 में विजयादशमी (दशहरा) तक के लिए रोडमैप तैयार किया जाएगा, जब आरएसएस अपने 100 वर्ष पूरे करेगा.
“मूल रूप से, आरएसएस के लिए एक वर्ष में तीन प्रमुख बैठकें होती हैं, और यह राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हर साल दिवाली से पहले आयोजित की जाती है. इस साल यह ऐसे समय में हो रही है जब हम अगले साल विजयादशमी पर 100 साल पूरे करने जा रहे हैं. हम पूरे देश में काम कर रहे हैं और राज्यों में बढ़ रहे हैं; इसलिए, राष्ट्रीय और राज्य स्तर के नेताओं को किए गए काम, प्राप्त सफलता और भविष्य की योजना का आकलन करने के लिए एक बैठक की आवश्यकता है,”
RSS centenary year: सामाजिक सद्भाव पर रहेगा जोर
आंबेकर ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि 393 कार्यकर्ता यहां ब्रज भूमि में दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और विजयादशमी पर अपने संबोधन के दौरान आरएसएस सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करेंगे. इनमें से एक मुद्दा सामाजिक सद्भाव है ताकि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच बिना किसी संदेह के सह-अस्तित्व सुनिश्चित किया जा सके.”
दो दिवसीय आरएसएस बैठक परखम गांव में दीनदयाल उपाध्याय गौ विज्ञान, अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित की जाएगी.
इंटरनेट और उसका बच्चों पर प्रभाव भी होगा शिखर सम्मेलन का मुद्दा
उन्होंने कहा, “एक और मुद्दा इंटरनेट के प्रभाव और बच्चों तक इसकी आसान पहुंच का है. दो दिवसीय सत्र में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि समाज, खासकर बच्चों को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सरकार क्या उपाय अपना सकती है.”
पर्यावरण और परिवारिक मूल्यों को लेकर भी आरएसएस चिंतित है
पर्यावरण संबंधी चिंताएँ और ‘कुटुम्ब प्रबोधन’ (पारिवारिक मूल्य) एक अन्य विषय होगा, जबकि महर्षि दयानंद, भगवान बिरसा मुंडा, अहिल्या बाई होल्कर और रानी दुर्गावती जैसी विभिन्न हस्तियों द्वारा समाज के लिए किए गए योगदान पर भी चर्चा की जाएगी. आंबेकर ने आगे कहा कि हमारे संविधान के 75 वर्ष पूरे होने और इसके आलोक में व्यक्तियों के कर्तव्यों जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी.
विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं पर भी होगी चर्चा
आंबेकर ने कहा, “विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से उनके विचारों और शिक्षाओं को समाज के साथ साझा किया जाएगा.” उन्होंने कहा कि बैठक के दौरान “सभी नेता अपने-अपने प्रांतों में पूरे वर्ष किए गए कार्यों को साझा करेंगे और विभिन्न विषयों पर चर्चा करेंगे. वे आगामी वर्ष के लिए लक्ष्यों और योजनाओं की रूपरेखा भी तैयार करेंगे और इन मामलों पर मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे.” उनके अनुसार, गुजरात, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में संकट के समय आरएसएस द्वारा किए गए राहत प्रयासों पर भी चर्चा की जाएगी. इन क्षेत्रों में स्थायी परियोजनाएं स्थापित करने की योजनाओं पर भी विचार किया जाएगा.
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