RSS Aurangzeb’s Tomb : पिछले कुछ दिनों से हमारे देश में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को उखाड़ फेंकने की एक मुहिम सी चल रही है. सभी के अपने-अपने तर्क हैं. कोई औरंगजेब की कब्र उखाड़कर खुद को राष्ट्रभक्त साबित करने में लगी है, तो कुछ इसके नाम पर राजनीति की रोटी सेंक रहे हैं. औरंगजेब की कब्र इन दिनों देश में चर्चा का विषय बना हुआ है और औरंगजेब के बहाने इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गये राजे-महाराजाओं के बारे में चर्चाएं गर्म हैं.इस बीच नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान आरएसएस नेता भैयाजी जोशी ने एक बयान देकर कब्र पर राजनीति करने वालों की बोलती बंद कर दी है. भैजा जी जोश ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि औरंगजेब की कब्र पर बात करना ही बेकार है. इस बात को अनावश्यक रुप से उठाया जा रहा है.
RSS नेता सुरेश भैयाजी जोशी-“औरंगजेब की कब्र का मुद्दा अनावश्यक है।उसकी मृत्यु यहीं हुई थी, और उसकी कब्र बनाई गई थी।छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल खान की कब्र बनवाकर एक मिसाल कायम की थी।यह भारत की उदारता और समावेशिता को दर्शाता है। यह कब्र हमेशा रहेगी”
pic.twitter.com/1qgIgN4Ttf— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) March 31, 2025
RSS Aurangzeb’s Tomb : जिनकी श्रद्धा है वो उस कब्र पर जाएंगे- भैयाजी जोशी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता भैयाजी जोशी ने कहा कि औरंगजेब की कब्र का मुद्दा ही अनावश्यक रुप से उठाया गया है. उसकी यहां मृत्यु हुई तो उसकी कब्र भी यहां बनी हुई है. जिनकी श्रद्धा है वो कब्र पर जाएंगे. दरअसल भैया जी जोशी ने एमएनएस नेता राज ठाकरे के औरंगजेब की कब्र को लेकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की निंदा करते हुए कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखना चाहिए.
भैयाजी जोशी ने दिया अफजल खान का उदाहरण
भैयाजी जोशी ने कहा कि बीजापुर सल्तनत के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ के किले के पास दफनाया गया था और अगर छत्रपति शिवाजी महाराज ने उसे वहां दफनाने की अनुमति नहीं दी होती तो क्या ऐसा किया जा सकता था. भैयाजी जोशी ने राज ठाकरे की औरंगजेब की कब्र को लेकर की गई टिप्पणियों और मुगल शासक की कब्र के मुद्दे के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस विषय को अनावश्यक रूप से उठाया गया है. उसकी मृत्यु यहीं हुई थी, इसलिए कब्र भी यहीं बनाई गई है.
छत्रपति शिवाजी उदारता के प्रतीक
आरएसएस के पूर्व महासचिव भैया जी जोशी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे रोल मॉडल हैं. उन्होंने ही अफजल खान की कब्र बनवाई थी. मुगल शासकों के कब्र भारत की उदारता और समावेशिता का प्रतीक है.कब्र बनी रहेगी, जो भी जाना चाहेगा, जाएगा.
औरंगजेब विवाद में राज ठाकरे की एंट्री – ‘औरंगजेब शिवाजी नाम के विचार को मारना चाहता था’
औरंगजेब के कब्र विवाद में अब राजठाकरे की भी एंट्री हो गई है. गुड़ी परवा के मौके पर शिवाजी मैदान में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि लोगों को वाट्श ऐप और भ्रामक नेरेटिव की जगह पर विश्वसनीय स्रोतों के जरिये जानकारी लेनी चाहिये. राज ठाकरे ने छत्रपति संभाजीनगर जिले में औरंगजेब की कब्र पर विवाद पैदा करने के राजनीतिक प्रयासों की आलोचना की. इस कारण नागपुर में हिंसा हुई.