Monday, December 23, 2024

फिर बढ़ेगी EMI, RBI ने घटाया विकास दर का अनुमान

आरबीआई ने 2022-23 के लिए मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए 2023 के लिए विकास दर का अनुमान घटा दिया है. आरबीआई ने 2023 के विकास दर के अनुमान को 7.2 से घटाकर 7 कर दिया है. हलांकि 2024 के लिए अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया गया है यहां विकास की दर के 7.2 रहने की ही उम्मीद जताई गई है.

फिर महंगा होगा लोन
आरबीआई ने नीतिगत रेपो दर को 50 आधार अंकों से बढ़ाकर 5.9% किया है. इस साल ये चौथी बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में बढ़ोतरी की है. इससे पहले मई में रेपो दर में 40 बेसिस पॉइंट्स की अप्रत्याशित बढ़ोतरी की गई थी जिसके बाद जून और अगस्त में भी आरबीआई ने 50 -50 आधार अंकों की वृद्धि की थी. रेपो रेट के बढ़ने का सीधा असर आपके लोन की ईएमआई पर पड़ता है. आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाने के बाद बैंक अपने ब्याज की दर बढ़ाएंगे.

23 के दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.3% रह सकती है
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बाकी देशों के मुकाबले भारत की GDP ग्रोथ सबसे बेहतर है. उन्होंने उम्मीद जताई की साल 23 के दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ 6.3% रह सकती है. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में सुधार देखने को मिल रहा है. हलांकि उन्होंने माना की “इस वर्ष की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि उम्मीद से कम रही. शक्तिदास ने कहा फिर भी यह 13.5% थी और शायद प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक थी”
RBI गवर्नर ने कहा कि महंगाई चिंता का विषय है. उन्होंने कोर महंगाई दर के ऊंचे स्तर पर बने रहने के भी संकेत दिए. उन्होंने कहा कि महंगाई ज्यादा होने की एक बड़ी वजह बाहरी कारण है. बाहरी कारणों से निर्यात में कमी आ है.शक्तिदास ने कहा कि मांग में धीरे-धीरे सुधार जारी है और निवेश में तेजी देखने को मिल रही है. उन्होंने उम्मीद जताई की साल 23 की दूसरी छमाही में मांग बेहतर रहेगी.

रोज़ गिरने का रिकॉर्ड बना रहे रुपये को बताया स्थिर
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत में अभी रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले स्थिर है, 28 सितंबर तक डॉलर के मुकाबले रुपये में 7.4 प्रतिशत की गिरावट है. वैसे आपको बता दें फिलहाल रुपया अब तक के अपने सबसे निचले स्तर डॉलर के मुकाबले 82 रुपये पर पहुंच चुका है.
कच्चे तेल के दाम पर बोलते हुए आरबीआई गर्वनर ने कहा कि भारत की कच्चे तेल की खरीद कीमत 100 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रहने का अनुमान है.
आपको बता दें मैद्रिक नीति तय करने के लिए अगली बैठक इस साल 5-7 दिसंबर को होगी.

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