Wednesday, October 16, 2024

दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा पंचतत्व में विलीन,अंतिम संस्कार में आये उनके कुत्ते ने सबको किया भावुक

Ratan Tata’s funeral : भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा गुरुवार को  पंचतत्व में विलीन हो गये. 86 साल के रतन टाटा के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को  मुंबई के वर्ली श्मशान घाट में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. पद्म पुरस्कार से सम्मानित रतन टाटा का पार्थिव शरीर जब मुंबई के वर्ली क्रिमेशन ग्राउंड पहुंचा तो हर चाहने वाले की आंखे नम थी.

Ratan Tata’s funeral : पारसी रीति रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार

रतन टाटा का अंतिम संस्कार पारसी रीति रिवाज से ही हुआ लेकिन उनके शव को पारसी नियमों के मुताबिक खुले में ना रखकर उनका दाह संस्कार किया गया. इसके बार में पारसी धर्म गुरु ने बताया कि हलांकि पारसी नियम के मुताबिक देहावसान के बाद ये परंपरा है कि पार्थिव शरीर को किसी सुनसान और ऐसी उंची जगह पर रख दिया जाता है जहां उसे चील- कौवे अपना ग्रास बनाये और शरीर को प्रकृतिक तरीके से वापस पंच तत्व में मिला दें.इसे पारसी परंपरा में टावर ऑफ साईलेंस यानी डाखमा कहा जाता है  लेकिन कोविड के दौरान सरकार ने शवों को खुले में रखने के नियम में बदलाव करते हुए इसे दफनाने या जलाने का नियम बनाया . इसी वजह से रतन टाटा का भी अंतिम संस्कार शवदाह गृह में किया गया.

रतन टाटा के पालतू कुत्ते ने किया सबकी आंखे नम

अंतिम संस्कार से पहले क्रिमेशन ग्राउंड में सबने एक बेहद भावुक पल देखा. वो पल था उनके पालतू कुत्ते गोवा का वहां आना. कहते है इंसान चाहे वफा न करें लेकिन कुत्ते के वफादारी अपने मालिक के जाने के बाद भी उनके साथ रहती है, ऐसा ही दृश्य वर्ली क्रिमेटोरिम में दिखा. रतन टाटा के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया , जहां देश विदेश से आये लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. इस बीच उनके कुत्ते गोवा को भी वहां लाया गया. गोवा अपने मालिक के पार्थिव शरीर के पास बैठ गया. कई बार कोशिश करने के बावजूद वो वहां से नहीं हटा. इस दृश्य को जिसने भी देखा उसकी आंखे बरबस ही भर आई, आखिर कुत्ते से ज्यादा प्यार की भाषा कौन समझता है.

रतन टाटा को कुत्तो से था बेहद प्यार

जो लोग रतन टाटा के बारे मे थोड़ा बहुत बी जानते हैं वो जानते है कि रतन टाटा कुत्तों के लेकर कितन भावुक थे. उन्होने कुत्तो के लिए अस्पताल बनवाया. यहा तक कि जो आवारा कुत्ते उनके अस्पताल में लाये जाते थे, वो अक्सर अपने इंस्टाग्राम पर उनके लिए परिवार ढ़ूढ़ते थे जो उस एडोप्ट कर सके. अगर किसी कुत्ते को कुछ हो जाये तो औऱ किसी के मदद की जरुरत पड़े तो वो मदद मांगने में हिचकिचाते तक नहीं थे. उनके इंस्टाग्राम पर कई ऐसे पोस्ट है जिसमे वो लोगों से कुत्ते के लिए मदद भी मांगते थे.

कुत्ते का नाम गोवा

दरअसल इस कुत्ते के नाम के साथ भी एक कहानी है . 2015 में रतन टाटा गोवा गये थे.इसी दौरान उन्हें वहां ये स्ट्रीट डॉग मिला .रतन टाटा ने इसे एडोप्ट कर लिया. कुत्ता गोवा में मिला था  इस लिए इसका नाम भी गोवा ही रख दिया. रतन टाटा को कुत्तो से इतना लगाव था कि वो अक्सर मिटिंग्स मे भी इन्हें साथ लेकर जाते थे. आम तौर से 5 स्टार, 7 स्टार होटलों में पालतू पशुओं को लाना वर्जित होता है लेकिन अगर आप चाहे तो मुंबई के होटल ताज में अपने पालतू कुत्ते को  को साथ लेकर जा सकते हैं,. रतन टाटा ने मुंबई के ताज होटल को  निर्देश जारी किया था कि आवारा जानवरों को होटल परिसर में आने दिया जाएगा.

कुत्ते के लिए ब्रिटेन का शाही सम्मान छोड़ा  

बात फरवरी 2018 की है, जब ब्रिटेन के बकिंघम पैलेस ने रतन टाटा को उनके परोपकारी कार्यो के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देने की घोषणा की और अवार्ड लेने के लिए लंदन बुलाया.  इसके लिए 6 फरवरी 2018 को एक कार्यक्रम रखा. रतन टाटा वहां जाने वाले थे लेकिन अचानक उनके दो पालतू कुत्ते टैंगो और टीटो में से एक बीमार हो गया.रतन टाटा ने बकिंघम पैलेस को बताया कि वो कार्यक्रम में नहीं आ सकते क्योंकि उनका कुत्ता काफी बीमार है और वो उन्हे छोड़ कर नहीं जा सकते. रतन टाटा ने अपने पालतू कुत्ते के लिए बकिंघम पैलेस से मिलने वाला सम्मान छोड़ दिया.

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