सोनभद्र : सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य को काला झंडा दिखाया गया और उन पर स्याही भी फेंकी गई . वाराणसी से सोनभद्र जाते समय टेंगरा मोड़े के पास उन्हें काला झंडा दिखाया गया और स्याही फेंकी गई. राम चरित मानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य की विवादित टिप्पणी का हिंदू संगठन विरोध कर रहे हैं और ये उसी विरोध का हिस्सा था.
सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य बौद्ध महोत्सव में शिरकत करने आये थे जो नगवां ब्लॉक के मऊ कला में आयोजित हो रहा है. कार्यक्रम से वापस होते समय उन्हें काला झंडा दिखाया गया.
रामचरित मानस को लेकर सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की टिप्पणियों के विरोध में उन्हें काले झंडे दिखाये गये और स्याही फेंकी गई.वाराणसी के टेंगरा मोड़ के पास स्वामी प्रसाद मौर्य की गाड़ी पर स्याही फेंकी गई. विरोध करने वालों ने हर हर महादेव के नारे लगाए#ramcharitmanascontroversy pic.twitter.com/mpskoKqms3
— THEBHARATNOW (@thebharatnow) February 12, 2023
कुछ लड़के स्याही फेंकने की कोशिश कर रहे थे
अपने ऊपर स्याही फेंके जाने की बात पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि दो-चार लड़के रास्ते में खड़े थे. मुझ पर स्याही फेंकना चाह रहे थे लेकिन स्थानीय पुलिस ने पकड़ लिया. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस की जितनी चौपाई पर आपत्ति है मैंने उसे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेज दिया है.अब सब लोग रामचरितमानस में ताड़ना का अर्थ अब शिक्षा बता रहे हैं, तो किसे पढ़ाओगे, जानवर को, यह तो उसी गोरखपुर प्रेस में छपा है.
राकेश प्रताप सिंह अभी बच्चे हैं
जब उनसे पूछा गया कि रामचरितमानस पर दिए गए उनके बयान का उनकी ही पार्टी के विधायक राकेश प्रताप सिंह विरोध कर रहे हैं तब उन्होंने कहा कि मैं रामचरित मानस का विरोध नहीं कर रहा हूं. मैंने महिलाओं-आदिवासियों पर शोषण की चौपाई को संशोधित करने की बात कही है. विधायक राकेश प्रताप सिंह तो अभी बच्चे हैं.
बाबा आतंकवादी हो गए हैं
बागेश्वर धाम वाले बाबा के विरोध पर उन्होंने कहा कि अगर वो चमत्कारी बाबा हैं तो चीन को भस्म क्यों नहीं कर देते, चीन हमेशा बॉर्डर पर आ कर धमकी देता रहता है. आजकल के बाबाओं को अपने जप और तप पर भरोसा नहीं है. वह सिर व जीभ काटने की बात करते हैं. अब बाबा नहीं आतंकवादी हो गए हैं.
सभी धर्मों का सम्मान करता हूं
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं. भारत देश में सभी समान हैं. मैं किसी धर्म के अनादर के पक्ष में नहीं हूं. मैं तो वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास करता हूं.