Thursday, March 13, 2025

Gyanvapi मामले की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह ने राष्ट्रपति को लिखी चिट्ठी, मांगी इच्छा मृत्यु

वाराणसी : ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi masjid )और श्रृंगार गौरी मंदिर में दैनिक पूजा को लेकर याचिका लगाने वाली मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है और इच्छा मृत्यू की इजाजत मांगी है.

ऱाखी सिंह ने राष्ट्रपति को लिखे एक खुले पत्र में  Gyanvapi masjid  मामले में खुद को और अपने परिवार को प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाया है. राखी सिंह ने अपने साथ की तीन अन्य याचिकाकर्ता  महिलाओं और वकील हरिशंकर जैन और  उनके बेटे विष्णु शंकर जैन पर परेशान करने का आरोप लगाया है.

महामहीम राष्ट्रपति को पत्र लिखते हुए याचिकाकर्ता राखी सिंह ने कहा है कि 9 जून तक वो जवाब का इंजतार करेगी, जवाब नहीं आया तो फिर जो होगा वो उसका खुद का फैसला होगा.राखी सिंह के इस पत्र ने ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदु पक्ष के याचिकाकर्ताओं के आपसी कलह को सभी के सामने ला  दिया है.

राखी सिंह ने राष्ट्रपति को लिखा खुला पत्र…

राखी सिंह ने लिखा है ….

माननीय राष्ट्रपति जी

निवेदन यह 6 है कि मै श्रीमती राखी सिंह धर्मपत्नी श्री इन्द्रजीत सिंह. ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी  वाराणसी उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित मुकदमा नंबर 18/ 2022 ( 693/ 2021), श्रीमती राखी सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य उक्त मुकदमे की मुख्य वादी हूँ.

कहना ये है कि मई 2021 से उक्त मुकदमे की मेरी अन्य सहयोगी चार महिला साथियों लक्ष्मी देवी,सीता साहू,मंजू व्यास,रेखा पाठक व अधिवक्ता हरिशंकर जैन उनके पुत्र एडवोकेट विष्णु शंकर जैन व इन लोगो को कुछ अन्य साथियों के द्वारा मई 2021 से लेकर आज तक मेरे व मेरे माता-पिता तुल्य चाचा- चाची श्री जितेन्द्र सिंह विसेन व श्री मती किरन सिंह के खिलाफ दुष्प्रचार करके हमें और हमारे पूरे परिवार को बदनाम करके समाज की नजरों में गिराने का कार्य किया गया है . उनके इस कुकृत्य में शासन- प्रशासन के भी कई लोग शामिल हैं.

मई 2022 में उक्त लोगों के द्वारा एक झूठा प्रचार पूरे देश में किया गया कि राखी सिंह मुकदमा वापस ले रही है जबकि ना तो मेरी तरफ से कोई ऐसी स्टेटमेंट या सूचना जारी हुई ना ही उक्त मुकदमे मे मेरी तरफ से पैरोकार मेरे चाचा जितेन्द्र सिंह विसेन जी ने मेरी तरफ से कोई सूचना जारी की उपरोक्त भ्रम पूरे देश में फैलाकर मेरे व मेरे परिवार के खिलाफ सारे हिन्दू समाज को खड़ा कर दिया जिसके कारण मैं और विसेन जी का पूरा परिवार बहुत ही मानसिक दबाव में आ गये हैं. उपरोक्त लोगों के द्वारा आये दिन हमारे परिवार पर आरोप लगाये जातें हैं और हमें हिन्दू समाज़ में गद्दार घोषित करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन हमने ये सब बर्दाश्त कर लिया यह सोच कर कि कुछ लोग क्रेडिट लेने व धन बटोरने के लिये यह सब कर रहे हैं इससे हमें कोई फर्क नही पड़ता. क्रेडिट कोई ले, उद्देश्य ज्ञानवापी  को बचना, हिन्दू पक्ष को मिलना चाहिए . किन्तु सहन करने की सारी सीमा समाप्त तब हो गई जब उपरोक्त चार महिलाओं के माध्यम से ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मुख्य मुकदमा भगवान आदि विशेश्वर विराजमान द्वारा श्रीमती किरन सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य उपरोक्त मुकदमें को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया जिसके कारण ज्ञानवापी परिसर हिन्दुओं को प्राप्त हो सकता था किंतु अब वह मुसलमानों के पक्ष में चली जायेगी.

उपरोक्त घटना के कारण मैं कई दिनो से मानसिक दबाव में हूँ मुझे लगता है कि यदि मैने श्रृंगार गौरी का नियमित पूजा का मुकदमा ना डाला होता तो मेरी चार साथी महिलायें वर्चस्व में ना आती और ना ही भगवान आदि विशेश्वर विराजमान का मुकदमा खराब कर पाती. मुझे लगता है कि मेरे ही कारण उपरोक्त चार महिलाएं वर्चस्व में आयीं और जिनके कारण ज्ञानवापी का मूल मुकदमा बर्बाद हो गया.

इन चार महिलाओं के कारण न केवल सम्पूर्ण सनातन समाज को क्षति पहुँची है.उसी के साथ मेरे व विसेन परिवार के द्वारा किया गया सम्पूर्ण त्याग समर्पण व्यर्थ होता दिख रहा है. ऊपर मुकदमे को खराब करने वाले सभी लोगों के कृत्य से मै बहुत आहत हूँ और स्वयं को माफ नहीं कर कर पा रही हूँ.

अत: आपसे अनुरोध है कि मुझे इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करके इस अथाह मानसिक पीड़ा और वेदना से मुक्ति प्राप्त करने  का मार्ग प्रशस्त करें ताकि मै चिर निद्रा में सोकर परम शान्ति को प्राप्त कर सकूं.

आपके उत्तर की प्रतीक्षा मै 9 जून 2023 सुबह 9: बजे तक करूँगी

यदि आपका कोई आदेश नहीं आया तो उसके बाद जो भी निर्णय होगा वो मेरा स्वयं का होगा. धन्यवाद.

प्रार्थी

राखी सिंह

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