Wednesday, February 5, 2025

जगलाल चौधरी की 130वीं जयंती पर पटना पहुंचे राहुल गांधी, समाज में दलितों की भागीदारी पर उठाया सवाल

Rahul Gandhi Patna : दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग चल रही है, इसबीच प्रधानमंत्री मोदी ने जहां महाकुंभ में डुबकी लगाकर अपनी आस्था पूरी की , वहीं नेता विपक्ष राहुल गांधी पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित दलित नेता जगलाल चौधरी की 130वीं जयंती समारोह में शामिल होने पहुंचे . उन्होंने केंद्र सरकार और आरएसएस पर निशाना साधते हुए दलितों को साधने की भरपूर कोशिश की.

Rahul Gandhi Patna : दलितों की हिस्सेदारी पर जमकर बोले राहुल गांधी  

राहुल गांधी ने दलित समुदाय से आने वाले जगलाल चौधरी को याद करते हुए देश में दलितों के हक को लेकर एक बार फिर से बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा कि देश में विचारधारा की लड़ाई है. एक तरफ आरएसएस-बीजेपी और दूसरी तरफ अंबेडकर और जगलाल चौधरी की लड़ाई चल रही . दलितों का जो दर्द और दुख था, वही आवाज अंबेडकर और जगलाल जी के मुंह से निकलती थी.

दलित समुदाय के प्रतिनिधित्व को लेकर राहुल गांधी का सवाल

राहुल गांधी ने सवाल किया कि देश में जो सिस्टम है,उसमें आपकी यानी दालितों की कितनी भागीदारी है, जितनी भी संस्थाएं है उनमें दलितों की भागीदारी कितनी है.

मंच पर जगह दे दो औऱ बोलने ही ना दो , इसका क्या मतलब है – राहुल गांधी

दलितों के अधिकार की बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि दलितों को मंत्री बना दिया जाता है लेकिन उनको काम करने के लिए जो अधिकारी (OSD) दिये जाते हैं वो आरएसएस के होते हैं .लोग कहते है दलितों को रिप्रेजेंटेशन मिला लेकिन बिना अधिकार के रिप्रेजेंटेशन का क्या मतलब है.ये तो ऐसा ही है जैसे किसी को मंच पर जगह तो दे दो ,  पर बोलने ना दो .मोदी जी कहते है प्रतिनिधित्व दिया पर अधिकार नहीं दिया.मीडिया में जितने भी बड़े पद है उसमें दलित कहां है. इतिहास के किताबों में दलित के बारे चंद लाइन लिखी है,दलित का क्या कोई इतिहास नहीं है क्या. दो लाइन से आपका दर्द  बंट जाएगा क्या?

 राहुल गांधी ने कहानी के जरिये कही अपनी बात

राहुल गांधी ने समाज में व्याप्त असमानता को लेकर एक  कहानी सुनाई –  “अमेरिका में परीक्षा होती थी.गोरे लोगों का परफॉर्मेंस बेहतर होता था.काले लोगों का परफॉर्मेंस खराब होता था.लोग कहते थे गोरे लोग ज्यादा होशियार है.एक शिक्षक ने बदलाव किया और सवाल अफ्रीकन से सेट करवाया.परीक्षा में सारे गोरे फेल हो गए”

 देश में दलितों को लेकर दोहरे मापदंड – राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी ने 16  लाख करोड़ पूंजीपतियों का माफ किया, उसमें एक भी नाम दलित और पिछड़ों का नहीं है.सभी संस्थानों के मैनेजमेंट में एक भी दलित और आदिवासी का नाम नहीं मिलेगा.

देश के पूंजीपतियों का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पूरा पैसा दलितों के जेब से ट्रान्सफर हो रहा और इनके जेब में जा रहा है. हिंदुस्तान के 90 ऑफिसर देश का बजट बनाते है.बजट का हर पैसा 90 लोग बंटते है.90 में सिर्फ तीन ऑफिसर दलित है, वो भी छोटे विभाग के हैं. 100 रु के बजट में दलित सिर्फ एक रुपया का फैसला लेता है.दलित आदिवासी पिछड़ा सबकी भागीदारी बजट में 6 रुपया 10 पैसा है,जो 6 रुपए की भागीदारी है उसे भी छीनी जा रही है.इसमें बदलाव के लिए पता लगाना होगा कि किसकी कितनी आबादी है.

दलितों के बहाने राहुल गांधी ने फिर उठाई जातीय जनगणना की मांग- राहुल गांधी

राहुल गांधी ने देश मे समानता को लागू करने के लिए एक बार फिर से जातीय जणगणनी की बात की. राहुल ने कहा कि जनगणना केवल खानापूर्ति नहीं होने चाहिये जैसे बिहार में हुई थी. अगर जातीय जनगणना हो तो तेलंगाना की तरह हो .जातीय गणना के बाद देखना होगा कहां किसकी भागीदारी है.

मेरे सवालों के जवाब  में पीएम डेढ़ घंटा बोले – राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि कही भी दलित और पिछड़ों का नाम नहीं है.कल सदन में पीएम ने मेरे सवालों का जवाब डेढ़ घंटे तक दिया, पर पीएम ने जातीयगणना की बात नहीं कही. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी और अमित शाह जातीय गणना नहीं चाहते हैं. मै सिर्फ दिखाना चाहता हूं कि असली भागीदारी कितनी है.असली आंकड़ा आते ही हकीकत सामने आ जाएगा.उसके बाद देश में असली विकास शुरू होगा.

कौन हैं जगलाल चौधरी 

बिहार में जमाने के बाद एक क्रांतिकारी महापुरुष की चर्चा हो रही है. ये महापुरुष हैं जगलाल चौधरी. जगलाल चौधरी वो महान राजनीतिज्ञ थे जिन्होंने सबसे पहले बिहार में  शराबबंदी की थी और गुलाम भारत में भी 1937 में इसे नियम बन कर लागू कर दिया था. जगलाल चौधरी खुद पासी समाज से थे और उनके समाज में बिना नशे के सेवन के गुजारा ही नहीं था. बिहार जैसे राज्य में शराबबंदी जैसा बड़ा फैसला एक क्रांतिकारी कदम था . उनके इस निर्णय के खिलाफ उनके अपने समाज को लोग उठकर खड़े हो गये थे क्योंकि उनके पासी समाज का मुख्य पेशा ही नशे (ताड़ी) का कारोबार था. समाज के निम्न तबके से आने के बावजूद इस महान नेता ने समाज में सुधार के लिए बड़ा काम किया, जिसने समाज की महिलाओं और बच्चों की स्थिति को सुधारने में बड़ा सहयोग दिया.

 

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