Saturday, November 23, 2024

Rahul Gandhi on air pollution: ‘राजनीतिक दोषारोपण की नहीं, सामूहिक प्रतिक्रिया की जरूरत है’

Rahul Gandhi on air pollution: शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपदा है, जिसके लिए राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बजाय सामूहिक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है. राहुल गांधी ने एक्स पर एक वीडियो शेयर कर में वायु प्रदूषण के बारे में कहा कि “एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जो हमारे बच्चों का भविष्य चुरा रहा है”

एक पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा है जो अनगिनत जीवन बर्बाद कर रही है

गांधी ने पर्यावरणविद् विमलेंदु झा के साथ अपनी बातचीत का एक वीडियो साझा करते हुए एक्स पर लिखा, “उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है – एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट जो हमारे बच्चों का भविष्य छीन रहा है और बुजुर्गों का दम घोंट रहा है, और एक पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा जो अनगिनत लोगों की ज़िंदगी बर्बाद कर रही है.”
उत्तर भारत के कई शहर, खास तौर पर दिल्ली और उसके आसपास के शहर नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद पिछले कुछ हफ्तों से गंभीर वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं. राहुल गांधी ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण सबसे ज्यादा परेशानी गरीबों को होती है, जो अपने आसपास की जहरीली हवा से बच नहीं पाते. उन्होंने कहा कि जहरीली हवा के कारण पर्यटन और वैश्विक प्रतिष्ठा में भी गिरावट आ रही है.

हमें सामूहिक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की ज़रूरत है, न कि राजनीतिक दोषारोपण की

उन्होंने लिखा, “…हमारे बीच सबसे गरीब लोग सबसे ज़्यादा पीड़ित हैं, जो अपने आस-पास की जहरीली हवा से बच नहीं पाते. परिवार स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे हैं, बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और लाखों लोगों की ज़िंदगी खत्म हो रही है. पर्यटन घट रहा है और हमारी वैश्विक प्रतिष्ठा गिर रही है”
राहुल गांधी ने आगे लिखा, “प्रदूषण का बादल सैकड़ों किलोमीटर तक फैला हुआ है. इसे साफ करने के लिए सरकारों, कंपनियों, विशेषज्ञों और नागरिकों की ओर से बड़े बदलाव और निर्णायक कार्रवाई की ज़रूरत होगी. हमें सामूहिक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की ज़रूरत है, न कि राजनीतिक दोषारोपण की.”

Rahul Gandhi on air pollution: संसद सत्र में शामिल होने आने वाले नेताओं को होगा प्रदूषण का एहसास

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि जैसे ही संसद कुछ दिनों में शीतकालीन सत्र के लिए बैठेगी नेताओं को प्रदूषण की याद आएगी. उन्होंने लिखा, “कुछ दिनों में संसद की बैठक होने वाली है, तो सांसदों को हमारी आँखों में जलन और गले में खराश से संकट की याद आ जाएगी. यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम एक साथ आएं और चर्चा करें कि भारत इस संकट को हमेशा के लिए कैसे खत्म कर सकता है.”

5 दिन तक गंभीर श्रेणी में बनी रही दिल्ली की हवा

दिल्ली का AQI 16 नवंबर से ही गंभीर बना हुआ था, जो बुधवार तक यानी लगातार पांच दिनों तक बना रहा. 15 नवंबर को औसत AQI 396 (बहुत खराब) था. दिसंबर 2021 (21-26) और नवंबर 2020 (5-10) में, दिल्ली में लगातार छह दिन गंभीर दर्ज किए गए. सात दिनों का सबसे लंबा सिलसिला नवंबर 2017 और नवंबर 2016 में था.
“गंभीर प्लस” श्रेणी के कारण दिल्ली में अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत चरण IV प्रतिबंध लागू करने पड़े, जिसमें निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध, स्कूल बंद करना और वाहनों पर सख्त प्रतिबंध शामिल हैं.

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