LOP Rahul Gandhi : 18वीं लोकसभा में नेता विपक्ष के लिए इंडिया गठबंधन ने नाम तय कर लिया है. राहुल गांधी लोकसभा में नेता विपक्ष (leader of the opposition) बन गये हैं.कांग्रेस पार्टी ने इंडिया ब्लॉक की तऱफ से लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि माहताब को इसके बारे में जानकारी दी है.राजीव – सोनिया गांधी के बाद से गांधी परिवार से तीसरे सदस्य हैं जो लोकसभा में नेता विपक्ष चुने गये हैं. राहुल गांधी से पहले उनकी मां सोनिया गांधी 13 अक्टूबर 1999 से 2004 तक लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुकी है, वहीं दिवंगत राजीव गांधी भी 18 दिसंबर 1989 से 24 दिसंबर 1990 तक नेता विपक्ष रहे थे.

LOP Rahul Gandhi को नेता विपक्ष के तौर पर मिलेगी ये शक्तियां
संसद में नेतविपक्ष का पद बेहद शक्तिशाली और महत्वपूर्ण है. नेता विपक्ष बनते ही राहुल गांधी संसद की उस कमिटी का हिस्सा बन जायेंगे जो केंद्रीय एजेंसियों के प्रतिनिधियों की नियुक्ति करती हैं.सीबीआआई के निदेशक, सेंट्रल विजिलेंस कमिश्नर, मुख्य सूचना आयुक्त, लोकपाल, चुनाव आयोग में चुनाव आयुक्त , राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष के चुनाव में सीधा लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष का सीधा हस्तक्षेप होता है.इन तमाम नियुक्तों में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राहुल गांधी उसी टेबल पर बैठेंगे जिस पर पीएम मोदी होंगे और किसी भी फैसले में पीएम मोदी को नेता प्रतिपक्ष की सहमति लेनी होगी.
10 साल बाद कांग्रेस को मिला नेता प्रतिपक्ष का पद
पिछले दो लोकसभा चुनावों के कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण उन्हें सदन में नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मिल पाया था. नियम है कि लोकसभा में नेता प्रितपक्ष का पद पाने के लिए विपक्ष के पास कुल सांसदों का कम से कम 10 फीसदी आपके पास होना चाहिये. लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में कांग्रेस के पास इतने सांसद नही थे कि उन्हें लोकसभा मे विपक्ष का पद मिल पाता.लोकसभा चुनाव 2024 में 99 सांसदो के साथ कांग्रेस उस नियम के अंतर्गत आ गई है जहां उन्हें नेता प्रतिपक्ष का पद मिल सकता था. कांग्रेस ने 18वीं लोकसभा के लिए राहुल गांधी का नाम तय किया है.