Priyanka Gandhi’s Political Journey : आने वाले दिनों के प्रियंका गांधी केरल के वायनाड सीट से चुनाव लड़ने जा रही है.प्रियंका गांधी के लिए ये पहला मौका है जब वो सीधे चुनाव मैदान में उतरेंगी. कांग्रेस पार्टी ने ये तय कर दिया है कि प्रियंका गांधी इस बार अपने भाई की सीट वायनाड से चुनाव लड़कर अपनी सियासी पारी का आगाज करेंगी.
Priyanka Gandhi’s Political Journey : पिछले 2 दशक से राजनीति में सक्रिय है प्रियंका गांधी
2024 के लोकसभा चुनाव मे प्रियंका गांधी एक आंधी की तरह आई. प्रियंका गांधी ने अपनी वाकपटुता और ताजा मुद्दों पर मजबूती से अपनी बात रखकर सुस्त पड़ी कांग्रेस में जान फूंक दी. ताबड़तोड़ चुनाव प्रचार किया औऱ जहां भी प्रचार किया कांग्रेस की स्थिति में सुधार हुआ.
2014 और 2019 में कोई कमाल नहीं कर पाई प्रियंका
कांग्रेस ने 2014 और 2019 में प्रियंका गांधी को प्रचार अभियान में उतारा , महासचिव बनाया . 2019 में पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी लेकिन प्रियंका गांधी उस चुनाव में कोई कमाल नहीं दिखा पाई. राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गये. 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भी प्रियंका गांधी को निराशा ही हाथ लगी. कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में केवल 2 सीटो पर सिमट गई. एक जनधारणा बन गई कि प्रियंका गांधी राजनीति में फेल हो गई हैं और वो अब उत्तर प्रदेश से चली जायेगी लेकिन प्रियंका गांधी ने हार नहीं मानी और उत्तर प्रदेश के साथ साथ हिमाचल , कर्नाटक में स्टार प्रचारक के तौर पर चुनाव प्रचार की कमान संभाली. हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनी.
2024 में प्रियंका दिखाने लगा है एक मजबूत राजनेता
2024 में लोकसभा चुनाव के बिगुल बजने और दूसरे चरण में वायनाड में मतदान खत्म होने के बाद कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली से अपने प्रत्याशियों की घोषणा की.इस बार प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश खास कर अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार की कमन संभाली .इस दौरान प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी की स्टार प्रचारक बनकर उभरी. प्रियंका गांधी ने धुंआधार प्रचार किया. पीएम मोदी के मंगलसूत्र बयान पर प्रियंका ने जम कर निशाना साधा. पीएम मोदी के बयान कि कांग्रेस सत्ता मेँ आई तो अपसे आपका मंगल सूत्र छीन लेगी, पर प्रियंका ने जनता से पूछा कि क्या कांग्रेस ने अपने 55 वर्षों के शासन काल में किसी का सोना या मंगलसूत्र छीना है ? प्रियंका गांधी ने जनता दो याद दिलाया कि कांग्रेस वो पार्टी हैा जहां प्रधानमंत्री और उनकी दादी इंदिरा गाधी ने युद्ध में लड़ने के लिए, अपने सैनिकों की रक्षा के लिए अपना मंगल सूत्र सेना को दान कर दिया था.
नतीजा ये रहा कि अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी केल शर्मा चुनाव जीते गये , वहीं रायबरेली से राहुल गांधी को बड़े अंतर से जीत मिली. जानकार मानते हैं कि रायबरेली में राहुल गांधी के चुनाव जीतने का बहुत हद तक श्रेय प्रियंका गांधी के प्रचार अभियान को भी जाता है. प्रियंका गांधी ने पूरे प्रचार अभियान के दौरान अपनी वाकपटुता और सौम्यता के साथ भाषा कि गरिमा रखते हुए ये दिखा दिया कि भाषा की सौम्यता के साथ भी करारा जवाब दिया जा सकता है.
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