शुक्रवार देर रात नेपाल के उत्तर-पश्चिमी जिलों में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया. इस विनाशकारी भूकंप में कम से कम 129 लोगों की मौत हो गई और दर्जनों घायल हैं. भूकंप का असर भारत की राजधानी नई दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) से 800 किलोमीटर (500 मील) दूर तक महसूस किया गया.
नेपाल में कल रात आए 6.4 तीव्रता के भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 129 हो गई है।
वीडियो जाजरकोट से है। pic.twitter.com/ItV7FYx4Tv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 4, 2023
जजरकोट में था भूकंप का केंद्र
शनिवार, 4 नवंबर, 2023 को आए 6.4 तीव्रता के भूकंप का केंद्र नेपाल के जाजरकोट में था. भूकंप के चलते यहां हज़ारों घर ढह गए. पीटीआई के मुताबिक प्राकृतिक आपदा कम से कम 129 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए. अधिकारियों ने कहा कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है क्योंकि कई प्रभावित इलाकों से संचार बाधित हो गया है.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने शुरुआत में भूकंप की तीव्रता 5.6 बताई थी, जिसकी गहराई 11 मील थी. लेकिन नेपाल का राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र जाजरकोट में भूकंप का केंद्र स्थित है, जो नेपाल की राजधानी काठमांडू से लगभग 250 मील उत्तर पूर्व में है.
रुकुम और जजरकोट जिले में हुआ सबसे ज्यादा नुकसान
रुकुम और जजरकोट जिले भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है. रुकुम जिले में कम से कम 36 लोगों की जान चली गई. यहां कम से कम 85 घायल व्यक्तियों को स्थानीय अस्पताल ले जाया गया है. रुकुम पश्चिम के मुख्य जिला अधिकारी हरि प्रसाद पंत ने मौतों की पुष्टि की. मौत का मुख्य कारण यहां भूकंप के चलते कई घरों का ढह जाना बताया जा रहा है.
वहीं पड़ोसी जिले जजरकोट में, जो भूकंप का केंद्र भी था, अधिकारियों ने 92 लोगों की दुखद मृत्यु की पुष्टि की है, साथ ही 55 के करीब लोगों के घायल होने की बात कही.
घायलों को सहायता प्रदान करने के लिए, नेपालगंज के क्षेत्रीय अस्पताल ने 100 से अधिक अस्पताल बिस्तर उपलब्ध कराए हैं और स्टैंडबाय पर डॉक्टरों की टीमों का भी इंतज़ाम किया गया है.
हेलीकॉप्टर, ज़मीनी सैनिक भूकंप राहत-बचाव में लगी
शुक्रवार आधी रात आए शक्तिशाली भूकंप के बाद सरकार ने सहायता प्रदान करने के लिए हेलीकॉप्टर और जमीनी सेना दोनों को तेजी से तैनात करने का काम किया. अधिकारियों को चिंता है कि कई क्षेत्रों से संपर्क टूटने के चलते मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है.
जैसे ही सुबह हुई, बचाव हेलीकॉप्टरों को प्रभावित क्षेत्र में भेजा गया, जबकि जमीन पर सुरक्षा बलों ने घायलों को निकालने और मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए परिश्रमपूर्वक काम शुरु कर दिया है.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल पहुंचे भूकंप प्रभावित क्षेत्र में
प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल भी डॉक्टरों की एक टीम के साथ हेलीकॉप्टर से प्रभावित क्षेत्र में पहुंचे हैं. नेपाली सेना भूकंप के कारण हुए भूस्खलन से बाधित सड़कों और पहाड़ी रास्तों को भी साफ़ करने के काम लग गई है. तबतक प्रभावित क्षेत्रों के अस्पतालों में चिकित्सा कर्मियों और आवश्यक दवाओं को पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जा रहा हैं.
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ देश के भूकंप प्रभावित इलाकों के लिए रवाना।
(तस्वीर सोर्स: नेपाल के अधिकारी) pic.twitter.com/Sxa4jiWhnr
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 4, 2023
पीएम मोदी ने शोक जताते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिया
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में शुक्रवार देर रात आए भीषण भूकंप से हुई मौतों पर शनिवार को शोक व्यक्त किया. एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मोदी ने कहा, ”नेपाल में भूकंप के कारण जानमाल की हानि और क्षति से बहुत दुखी हूं. भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है. हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.”
Deeply saddened by loss of lives and damage due to the earthquake in Nepal. India stands in solidarity with the people of Nepal and is ready to extend all possible assistance. Our thoughts are with the bereaved families and we wish the injured a quick recovery. @cmprachanda
— Narendra Modi (@narendramodi) November 4, 2023
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