Wednesday, March 12, 2025

#BRICS सम्मेलन से लौटते ही बैंगलोर जायेंगे Pm Modi,Chandryaan-3 मिशन के वैज्ञानिकों से मिलकर देंगे बधाई

नई दिल्ली    BRICS सम्मेलन और एक दिन की ग्रीस यात्रा के बाद प्रधानमंत्री मोदी (Pm Modi) स्वदेश के लिए रवाना हो चुके हैं. पीएम मोदी (Pm Modi)  शनिवार , 26 अगस्त को सुबह दिल्ली लौट रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी सुबह 11 बजकर 15 मिनट पर दिल्ली में लैंड करैंगे. दिल्ली लौटने के फौरन बाद Pm Modi चंद्रयान- 3 (Chandryaan-3) मिशन के वैज्ञानिकों से मिलने बैंगलोर रवाना हो जायेंगे. बैंगलोर स्थित इसरो के वैज्ञानिकों से मुलाकात करेंगे और उन्हें बधाई देंगे.

Chandryaan-3 के लैंडिग के समय VC के जरिये जुड़े थे Pm Modi

हलांकि पीएम मोदी चंद्रायन-3 के सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान दक्षिण अफ्रिका से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जुड़े थे और  चंद्रमा के साउथ पोल पर विक्रम लैंडर के सफल लैंडिंग के बाद सभी को बधाई दी थी. पीएम मोदी (Pm Modi) ने भारतीय वैज्ञानिकों के साथ देशवासियों को बधाई देते हुए कहा था- चंदा मामा अब दूर के नहीं बल्कि बस एक टूर के रह गये हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य ने इतना हौसला बढ़ा दिया है कि जल्द भारत के वैज्ञानिक  रोबर की जगह मानव को भी मून पर भेजने की तरकीब इजाद कर लेंगें.

पीएम मोदी ने चंद्रयान 3 (Chandryaan-3) के सफल लैंडिंग के तुरंत बाद भारतीय वैज्ञानिको को संबोधित करते हुए कहा था ये क्षण अविस्मरीण और अभूतपूर्व है. ये विकसित भारत के आह्वान का क्षण है. ये क्षण 140 करोड़ भारतीयो के सामर्थ्य और नई उर्जा और विश्वास का क्षण है. ये क्षण भारत के उदयीमान भाग्य के आह्वान का क्षण है.

Pm Modi ने  इसरो चीफ को फोन पर दी थी बधाई

जिस क्षण का  पूरा भारत सांसे रोककर इंतजार कर रहा था उसी क्षण देश से हजारों मील दूर दक्षिण अफ्रिका के जोहान्सबर्ग में बैठे प्रधानमंत्री मोदी (Pm Modi) भी बेसब्री से इतंजार करते देखे गये. जैसे ही इसरो ने इस जानकारी पर मुहर लगाई कि हमारा विक्रम लैंडर चंद्रयान 3 चंद्रमा के साउथ पोल पर सकुशल उतर गया है, प्रधानमंत्री मोदी आह्लादित नजर आये. उन्होंने तत्काल  देश और वैज्ञानिकों को बधाई दी फिर थोड़ी ही देर के बाद ही इसरो के चीफ एस सोमनाथ को व्यक्तिगत तौर पर फोन किया और बधाई देते हुए कहा कि – आपका नाम ही सोमनानाथ है. सोम का तो चंद्र से संबंध है. इसलिए आपके परिवार भी आनंदित होंगे. आपको और सभी वैज्ञानिकों को बहुत बहुत बधाई.

अब जब प्रधानमंत्री मोदी विदेश यात्रा से वापस लौटकर आ रहे हैं तो खुद इसरो (ISRO) पहुंचकर उस टीम से मुलाकात करेंगे , जिन्होंने अपार मेहनत और अद्म्य इच्छा शक्ति का परिचय देते हुए इस मिशन को बहुत कम लागत में पूरा किया और पूरे विश्व में भारत को एक सॉफ्ट पावर के रुप में स्थापित कर दिया है. आज भारत विश्व का एक मात्र देश है जिसने चंद्रमा के दक्षिणी छोर की सतह पर इतने बेतरीन तरीके से सॉफ्ट और सफल लेंडिंग की है.

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