Thursday, March 13, 2025

पीएम मोदी ने किया PM Vishwakarma Koushal Yojna का शुभारंभ, पुस्तैनी कारोबार करने वालों को मिलेगा फायदा

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने जन्मदिन के मौके पर पीएम विश्वकर्मा कौशल योजना (PM Vishwakarma Koushal Yojna) को लांच कर दिया है. पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इस योजना के बारे में लालकिले से ऐलान किया था.  इस योजना के तहत सरकार ने 13 हजार करोड़ का फंड रखा है. इस फंड के जरिये उन जरुरतमंद कामगारों को सरकार लोन मुहैय्या करायेगी जो लोग परंपरागत व्यवसाय से जुड़े हैं और उन्हें अपने रोजगार को बड़ा बनाने के लिए कहीं से मदद नहीं मिलती है.

PM Vishwakarma Koushal Yojna लांचिंग की बड़ी बातें

पीएम विश्वकर्मा कौशल योजना में को लांच करते हुए पीएम मोदी ने आज कई महत्वपूर्ण बातें कही. विश्वकर्मा जयंती का महत्व बताते हुए पीएम ने कहा कि  हमारे यहां कहा गया है कि – जो समस्त संसार के रचनाकर्ता हैं वो विश्वकर्म कहलाते हैं. समाज के विकास में विश्वकर्मा साथियों का बड़ा योगदान है.इनके बिना रोजमर्रा के जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है.

PM Vishwakarma Yojna लॉंचिंग से पहले कामगारों से मिले पीएम

प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना लांच करने से पहले अलग अलग व्यवसायों से जुड़े हुए कामगारों से मुलाकात की .योजना लांचिंग भाषण के दौरान पीएम ने कहा कि हमारे जीवन में लोहार से लेकर दर्जी, मोची जैसे लोगों का इतना महत्व है कि उनके बिना जीवन की कल्पना भी मुश्किल है. हम आज भी मटके का पानी पीना पसंद सकते हैं. टेक्नालॉजी कहीं से कहीं पहुंच जाये इन चीजों का महत्व कम नहीं होता है. इसलिए सरकार विश्वकर्मा भाइयों के रोजगार में मदद के लिए योजना लेकर आई है.

18 तरह के पुस्तैनी कारोबार से जुड़े लोगों की होगी मदद – PM MODI

पीएम मोदी ने कहा कि शाय़द की देश का कोई गांव ऐसा होगा जहां 18 प्रकार के व्यवसाय से जुड़े लोग ना हो. सरकार ऐसे लोगों के लिए ही योजना लेकर आई है. विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार उन व्यवसाइयों के मदद करेगी जो पुस्तैनी व्यवसाय से जुड़े हैं- जैसे, कुम्हार,सोनार,मोची,लोहार,दर्जी, काश्तकार, बुनकर, मूर्तिकार,बढई, रजार बनाने वाले इत्यादि. विश्वकर्मा कौशल योजना के जरिये इन पुस्तानी कारोबार करने वालो को सरकार ऋण उपलब्ध करायेगी.

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“हाथ से किये काम का महत्व आज भी ज्यादा है’ – PM MODI

पीएम मोदी ने अपने भाषण के दौरान एक वाकया सुनाया जिसमें उन्होंने कहा कि 30-35 साल पहले एक बार मैं ब्रसेल्स (बेल्जियम की राजधानी) गया, वहां एक मित्र मुझे ज्वेलरी मार्केट ले गये. उस मार्किट में बताया गया कि  वहां मशीन से बने जेवरों से मुकाबले हाथ से बने जेवरों की मांग ज्यादा है. पीएम मोदी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि हमारे देश के कामगारों का समार्थ्य भी ऐसा हो कि बड़ी बड़ी कंपनियां उनके दरवाजे तक आये.

PM Vishwakarma Yojna के तहत ट्रेनिंग के लिए मिलेंगे 500

पीएम मोदी ने कहा कि अलग अलग व्यवसाय से जुड़े  विश्वकर्मा भाइयों के लिए सरकार वर्कशाप और ट्रेनिंग देगी. ट्रेनिंग के लिए आने वालों को सरकार 5 सौ रुपये का प्रोत्साहन राशि भी मिलेगा. इसके अलावा टूलकिट के लिए 15 हजार रुपये दिये जायेंगे.सरकार इन छोटे कामगारों को बाजार उपलब्ध कराने में मदद करेगी.  पीएम मोदी ने लोगों से अपील की कि लोग सामान जीएसटी वाली दुकानों से खरीदें और इंडिया मेड खरीदे. इससे अपने देश औऱ घरेलू बाजार को प्रोत्साहन मिलेगा.

यशोभूमि बनाने का मकसद – काफ्रेंस टूरिज्म को बढ़ावा

225 एकड़ में तीन चरणों में बन रहे यशोभूमि को देखकर ये सवाल उठ रहे हैं कि आखिर इतना बड़ा कन्वेशन सेंटर बनाने की जरुरत ही क्या है,जबकि दिल्ली में ही प्रगति मैदान में भारत मंडपम जैसा विशाल और अंतराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रों के लिए कन्वेंशन सेंटर बन कर तैयार हो चुका है. पीएम मोदी ने यशोभूमि की उपयोगिता पर बल देते हुए बताया कि यह स्थान विदेशों मे भी भारत की भव्यता को शोकेस करने वाला स्थान होगा. यहां बड़े से बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जा सकेगा. यशोभूमि को खास तौर से एयरपोर्ट के पास और कनेक्ट बनाया गया है ताकि यहां आने वाले मेहमानों के कोई सुविधा ना हो.

 भारत एक बड़ा बाजार

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां बड़ा बाजार उपलब्ध है. आज का भारत कांफ्रेंस टूरिज्म के लिए तैयार है. टूरिज्म वहीं पर संभव है जहां एडवेंचर, हैरिटेज टूरिज्म और मेडिकल उपलब्ध होगा. भारत मंडपम और यशोभूमि के जरिये भारत एक बड़ा कांफ्रेंस हब बनाने जा रहा है.

 

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