PM Modi’s LS Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को लोकसभा में महाकुंभ की सफलता को लेकर भाषण दिया. प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान विपक्ष ने एकजुट होकर वॉकआउट किया, जिससे सदन में हंगामा हुआ और विवाद की स्थिति पैदा हो गई. पीएम के भाषण को लेकर विपक्ष का कहना था कि, पीएम ने मृतकों का श्रद्धांजलि नहीं दी और न ही उन्हें वोलने का मौका दिया. पीएम के भाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए विपक्षी सांसदों ने कहा कि उन्हें भी बोलने का मौका दिया जाना चाहिए था. लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने महाकुंभ भगदड़ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया तो उनकी बहन और कांग्रेस की वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि विपक्ष की महाकुंभ के प्रति भावनाएं हैं, उन्हें भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी. समाजवादी सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि, “प्रधानमंत्री ने एकतरफा बयान दिया और सदन से चले गए। बेहतर होता कि महाकुंभ पर बड़ी चर्चा होती…”
पीएम ने महाकुंभ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि नहीं दी-राहुल गांधी
कुंभ हमारी परंपरा है, इतिहास है, संस्कृति है. हमें एक शिकायत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि नहीं दी. कुंभ में जाने वाले युवाओं को प्रधानमंत्री से रोजगार भी चाहिए, प्रधानमंत्री को संसद में रोजगार के बारे में भी बोलना चाहिए था. प्रधानमंत्री जी के बोलने के बाद लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत नेता विपक्ष को बोलने की इजाजत देनी चाहिए थी, लेकिन नहीं दी गई. ये ‘न्यू इंडिया’ है.
कुंभ हमारी परंपरा है, इतिहास है, संस्कृति है।
हमें एक शिकायत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि नहीं दी।
कुंभ में जाने वाले युवाओं को प्रधानमंत्री से रोजगार भी चाहिए, प्रधानमंत्री को संसद में रोजगार के बारे में भी बोलना चाहिए था।… pic.twitter.com/Mtp9M5aBIO
— Congress (@INCIndia) March 18, 2025
विपक्ष की महाकुंभ के प्रति भावनाएं हैं, उन्हें दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए: प्रियंका गांधी
वहीं, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में महाकुंभ पर प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य पर कहा, “वह महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे… विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था क्योंकि विपक्ष की भी इसके (महाकुंभ) प्रति भावनाएं हैं और अगर हम अपनी बात रखते हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए… विपक्ष को भी दो मिनट बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए थी…”
#WATCH | दिल्ली | कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोकसभा में महाकुंभ पर प्रधानमंत्री मोदी के वक्तव्य पर कहा, “वह महाकुंभ पर सकारात्मक बोल रहे थे… विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था क्योंकि विपक्ष की भी इसके (महाकुंभ) प्रति भावनाएं हैं और अगर हम अपनी… pic.twitter.com/kQc4mOjOgQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2025
PM Modi’s LS Speech: बेहतर होता कि महाकुंभ पर बड़ी चर्चा होती- एसपी सांसद अवधेश प्रसाद
कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने लोकसभा में भी प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ पर दिए गए वक्तव्य को एकतरफा बताया. उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने एकतरफा बयान दिया और सदन से चले गए. बेहतर होता कि महाकुंभ पर बड़ी चर्चा होती… नेताजी की सरकार में महाकुंभ हुआ, अखिलेश यादव के नेतृत्व में भी हुआ और इन सरकारों में महाकुंभ का आयोजन बहुत अच्छे और भव्य तरीके से हुआ. दुख की बात है कि इस बार महाकुंभ में भगदड़ मची, लोगों की जान गई. प्रधानमंत्री को सदन में बताना चाहिए था कि महाकुंभ में कितने लोग लापता हुए, कितने लोगों की मौत हुई और उनके परिवारों के लिए सरकार क्या करेगी और विपक्ष को भी अपनी बात रखने का मौका दिया जाना चाहिए था…”
#WATCH | दिल्ली: समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने लोकसभा में प्रधानमंत्री मोदी के महाकुंभ पर दिए गए वक्तव्य पर कहा, “प्रधानमंत्री ने एकतरफा बयान दिया और सदन से चले गए। बेहतर होता कि महाकुंभ पर बड़ी चर्चा होती… नेताजी की सरकार में महाकुंभ हुआ, अखिलेश यादव के नेतृत्व में… pic.twitter.com/2bp4VSGtPG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 18, 2025
अगर यह इतना दुखद न होता तो यह हास्यास्पद होता- टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा
वहीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने भी पीएम मोदी के भाषण को एकतरफा बताया उन्होंने कहा, “जाहिर है, आज सुबह उन्होंने यह तय कर लिया होगा कि उन्हें मीडिया का पर्याप्त ध्यान नहीं मिल रहा है, इसलिए वे मीडिया में चर्चा का विषय बनने के लिए कुछ करना चाहते हैं. यह विडंबनापूर्ण, चौंकाने वाला और बेहद दुखद है कि महाकुंभ के दौरान एक के बाद एक हुई सभी मौतें और भगदड़, हमने प्रधानमंत्री से एक शब्द भी नहीं सुना… प्रधानमंत्री ने आज आने का फैसला किया और हमें एक छोटी सी चमकदार कागज़ की किताब दी, जिसमें उन्होंने बताया कि वे महाकुंभ के बारे में क्या सोचते हैं, मॉरीशस की उनकी यात्रा कितनी शानदार थी और अब वे मॉरीशस को गंगा की सहायक नदी कैसे बना रहे हैं… अगर यह इतना दुखद न होता तो यह हास्यास्पद होता.”