Thursday, November 21, 2024

PM Modi in Varanasi: पीएम ने दुनिया के सबसे बड़े ध्यान केंद्र स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी के उमराहा इलाके में सात मंजिला भव्य स्वर्वेद महामंदिर का उद्घाटन किया. उद्घाटन के बाद, उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ उस केंद्र का दौरा किया, जिसमें ध्यान के लिए एक समय में 20,000 लोग बैठ सकते हैं.

विहंगम योग संस्थान में पीएम मोदी की ये दूसरी यात्रा थी

प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर की यात्रा के दौरान विहंगम योग के शताब्दी समारोह में भाग लिया. यह विहंगम योग संस्थान में उनकी दूसरी यात्रा थी, इससे पहले वो दिसंबर 2021 में. विहंगम योग संस्थान आ चुकें है. विहंगम योग संस्थान 19वीं सदी के आध्यात्मिक नेता, रहस्यवादी कवि और द्रष्टा सद्गुरु सदाफल देवजी महाराज ने 100वीं पहले स्थापित की थी. यहां महामंदिर में पूज्य संत की मूर्ति भी लगाई गई है.

मैं मंत्रमुग्ध हो गया-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने यहां कहा, ”जब मैंने स्वर्वेद महामंदिर का दौरा किया तो मैं मंत्रमुग्ध हो गया… वेदों, उपनिषदों, रामायण, गीता और महाभारत की दिव्य शिक्षाओं को स्वर्वेद महामंदिर की दीवारों पर चित्रों के माध्यम से चित्रित किया गया है..”


इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भारत एक ऐसा राष्ट्र है जो सदियों तक विश्व के लिए आर्थिक समृद्धि और भौतिक विकास का उदाहरण रहा है…भारत ने कभी भौतिक उन्नति को भौगोलिक विस्तार और शोषण का माध्यम नहीं बनने दिया। भौतिक प्रगति के लिए भी हमने आध्यात्मिक और मानवीय प्रतीकों की रचना की…”

आज हर भारतीय गौरव महसूस कर रहा है- योगी आदित्यनाथ

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “…आज हर भारतीय गौरव महसूस कर रहा है क्योंकि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है.”

जानिए भव्य आध्यात्मिक भवन के बारे में 10 बड़ी बातें-

1- मंदिर 125 पंखुड़ियों वाले कमल के गुंबदों से बना एक शानदार डिजाइन है. इसमें 20,000 लोगों के बैठने की क्षमता है, जो इसे दुनिया के सबसे बड़े ध्यान केंद्रों में से एक बनाती है.
2-वाराणसी शहर के केंद्र से लगभग 12 किमी दूर उमराहा क्षेत्र में स्थित, स्वर्वेद महामंदिर 3,00,000 वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है.
3-महामंदिर की नींव 2004 में सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव और संत प्रवर विज्ञान देव ने रखी थी.
4- मंदिर के निर्माण में 600 श्रमिकों और 15 इंजीनियरों ने जी जान से काम किया.
5-मंदिर में 101 फव्वारों के साथ-साथ सागौन की लकड़ी की छत और खूबसूरत नक्काशी वाले दरवाजे हैं.
6-सात मंजिला अधिरचना महामंदिर की दीवारों पर स्वर्वेद के छंद उकेरे गए हैं.
7-इस मंदिर दीवारों पर गुलाबी बलुआ पत्थर लगाए गए है जो इसे बेहद खूबसूरत दिखाते है. वहीं, मंदिर में बना औषधीय जड़ी बूटियों वाला एक सुंदर बगीचा भी है जो इसकी भव्यता को और बढ़ाता है.
8-मंदिर का नाम स्वर्वेद के नाम पर रखा गया है, जो एक शाश्वत योगी और विहंगम योग के संस्थापक सद्गुरु श्री सदाफल देवजी महाराज का लिखा एक आध्यात्मिक ग्रंथ है.
9-मंदिर की वेबसाइट के अनुसार, स्वर्वेद महामंदिर का लक्ष्य “मानव जाति को अपनी शानदार आध्यात्मिक आभा से रोशन करना और दुनिया को शांतिपूर्ण सतर्कता की स्थिति में लाना है.”
10-मंदिर स्वर्वेद की शिक्षाओं को बढ़ावा देता है, ब्रह्म विद्या पर जोर देता है – ज्ञान का एक समूह जो आध्यात्मिक साधकों को संपूर्ण ज़ेन (Zen) की स्थिति बनाए रखने के लिए सशक्त बनाता है, जो शांति और खुशी में अटूट स्थिरता की विशेषता है.

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