PM Modi: संसद के भीतर नेता विपक्ष की जाति को लेकर टिप्पणी हुई और संसद के बाहर प्रधानमंत्री ने उसपर मोहर लगा दी. मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के जाति जनगणना पर लोकसभा में दिए गए भाषण का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समर्थन किया और अपने साथी भाजपा सांसद की ‘तथ्यों और हास्य के सही मिश्रण’ के माध्यम से विपक्षी भारत गुट को ‘बेनकाब’ करने के लिए प्रशंसा की.
PM Modi ने लगाई अनुराग ठाकुर के भाषण पर मोहर
मंगलवार शाम को एक्स पर प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट लिख कहा, “मेरे युवा और ऊर्जावान साथी अनुराग ठाकुर का यह भाषण अवश्य सुनना चाहिए. तथ्यों और हास्य का एक बेहतरीन मिश्रण, इंडी गठबंधन की गंदी राजनीति को उजागर करता है.”
This speech by my young and energetic colleague, Shri @ianuragthakur is a must hear. A perfect mix of facts and humour, exposing the dirty politics of the INDI Alliance. https://t.co/4utsqNeJqp
— Narendra Modi (@narendramodi) July 30, 2024
प्रधानमंत्री ने पोस्ट तब लिखा जब विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस ने ठाकुर के भाषण पर आपत्ति जताते हुए पूछा कि क्या यह संबोधन ‘प्रधानमंत्री के कहने पर’ दिया गया था.
मंगलवार को लोकसभा में क्या हुआ था
असल में मंगलवार को बजट पर चर्चा के दौरान जाति जनगणना को लेकर ऐसी टिप्पणी की गई जिसकी लोकसभा में न किसी ने देखने और सुनने की कल्पना भी नहीं की होगी. बीजेपी के तेज तर्रार कहें जाने वाले पूर्व खेल मंत्री जिसकी पहचान गोली मारो नारे से भी होती है उन्हें विपक्ष के नेता पर बिना नाम लिए कटाक्ष करते हुए कहा कि जिसकी जाति का पता नहीं वो गणना की बात करते है. इसपर विपक्ष के नेता ने कहा की मुझे जितनी गाली देनी है दे लो लेकिन जाति जनगणना होकर रहेगी. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ‘अनुराग ठाकुर’ ने मुझे गाली दी है, मेरी बेइज्जती की है. लेकिन मुझे इनसे माफी भी नहीं चाहिए. उन्होंने कहा जो भी दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की बात उठाता उसे गाली खानी ही पड़ती है. मैं ये सब गालियां खुशी से खाऊंगा. महाभारत की बात हुई तो अर्जुन को सिर्फ मच्छी की आंख दिख रही थी, तो हमें जातीय जनगणना चाहिए वह हम करा के रहेंगे. इसके पीछे चाहे मुझे कितनी भी गाली दी जाए. इस पूरे विवाद में दो लोगों की भूमिका उस वक्त महत्वपूर्ण रही एर थे समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव जिन्होंने हंगामे के बीच खड़े होकर पूछा की सदन में किसी की जाति कैसे पूछी जा सकती है और दूसरे थे उस वक्त अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठे जंगदंबिका पाल जिन्होंने कहा कि सदन में किसी की जाति नहीं पूछी जा सकती. इसके साथ ही राहुल गांधी के ये कहने पर कि मुझे अनुराग ठाकुर की माफी नहीं चाहिए जगदंबिका पाल ने कहा कि ये अध्यक्ष का अधिकार और कर्तव्य है की वो देखे की अगर सदन में कुछ गलत कहा गया है या गाली दी गई है तो उसे हटाए मैं ये देखूंगा और अगर गाली दी गई होगी तो उसे जरूर हटाया जाएगा.
प्रधानमंत्री ने किया जाति पूछे जाने का समर्थन
यानी अखिलेश यादव और जगदंबिका पाल दोनों ने उसी वक्त साफ कर दिया था कि जो अनुराग ठाकुर ने कहा वो गलत है शर्मनाक है. लेकिन सदन के बाहर देश में संसदीय और राजनीति की सभी मर्यादाओं को तब तिलांजलि दे दी गई. जब प्रधानमंत्री ने सदन में हुए शर्मनाक हादसे का समर्थन कर दिया. इसके साथ ये भी साफ हो गया की आज भी जाति प्रथा देश में न सिर्फ मौजूद है बल्कि इसका इस्तेमाल कर आर्थिक रुप से मजबूत लोगों को भी शर्मिंदा करने की कोशिश की जाती रही है. जिसका मतलब साफ है कि एसटी एससी और ओबीसी आरक्षण लाने के पीछे जो सोच थी कि आरक्षण के द्वारा इन जातियों का आर्थिक उत्थान कर इनको सामाजिक सम्मान दिलाया जा सकता है उस लक्ष्य के आसपास भी देश नहीं पहुंचा है.
खासकर तब जब देश के प्रधानमंत्री को इस बात में कोई गलती नज़र नहीं आती कि उनकी पार्टी का नेता संसद में नेता विपक्ष की जाति को लेकर उनका अपमान करने की कोशिश करता है. बल्कि प्रधानमंत्री खुद उसके भाषण को पोस्ट कर सभी से उसे सुनने की अपील करते है.