शिवपुरी: जिले के बदरवास थाना क्षेत्र में संचालित खदान क्रशर प्लांट आमजन की परेशानी बन चुके हैं. खदानों में होने वाली ब्लास्टिंग से आसपास के मकानों को भी नुकसान पहुंच रहा है. इनमें से उड़ने वाली धूल से खेती की जमीन भी प्रभावित हो रही है. स्थानीय लोग तेजी से बीमार हो रहे हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से मामले की शिकायत की है, लेकिन आरोप है कि अधिकांश खदान नेताओं की होने के चलते अभी तक किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
100 एकड़ की फसलें हो रही प्रभावित
खनिज विभाग के आंकड़ों के अनुसार, कोलारस विधानसभा के बदरवास तहसील में करीब एक दर्जन क्रशर प्लांट के संचालन की अनुमति दी गई है. हालांकि कुछ प्लांटों में अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है. वहीं कुछ अन्य कारणों से कुछ प्लांट बंद पड़े हैं. बीते दिनों बामौर गांव के लोगों ने क्रशर संचालकों के द्वारा की जा रही ब्लास्टिंग के चलते हो रहे मकान क्षतिग्रस्त की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की थी. हालांकि, इस पर कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों में बहुत आक्रोश है. वहीं किसानों का आरोप है कि क्रशर प्लांट से उड़ने वाली धूल से करीब 100 एकड़ तक की फसलें प्रभावित हो रही हैं. जिस कारण खेतों के बंजर होने का भी खतरा बना हुआ है.
स्थानीय लोग हो रहे गंभीर बीमारियों के शिकार
खनिज विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने क्रशर खदानों को लेकर सख्त नियम बनाए हैं, नियमानुसार आवासीय बस्ती से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर ही क्रशर खदान संचालित हो सकती हैं. जबकि यहां नियमों को ताक पर रखकर आवासीय क्षेत्र से बिल्कुल नजदीक क्रशर खदान संचालित हो रही है. जिससे पर्यावरण में प्रदूषण और धूल मिट्टी फैलने के कारण स्थानीय लोग आंखों से संबंधित रोग, दमा और खांसी सहित सिलिकोसिस रोग की चपेट में आ रहे हैं.
शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई
बदरवास क्षेत्र के ग्राम धुवाई निवासी वीरेंद्र और बलवीर आदिवासी ने हाल ही में प्रशासनिक अधिकारियों से मामले की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कहा था कि उनकी भूमि पर अवैध उत्खनन किया जा रहा है. साथ ही इलाके में चार क्रशर खदान संचालकों द्वारा चरनोई की जमीन पर भी खनन शुरू कर दिया है. ये लोग एक जगह पत्थर खत्म होने के बाद दूसरी जगह खनन शुरू कर देते हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.पूरे मामले में कोलारस एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने कहा, "हमें इस तरह की शिकायतें प्राप्त हुई थीं. हमने इलाके की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम के साथ निरीक्षण किया था. जिसमें यह पाया गया कि सभी क्रशर खदान संचालकों के पास सभी अनुमतियां थीं. क्षेत्र में हाल ही में एक नया क्रशर प्लांट शुरू हुआ है. हमने जब जनसुनवाई की थी तो किसी ने भी शिकायत दर्ज नहीं कराई. यदि फिर भी इस प्रकार की कहीं कोई दिक्कत या शिकायत है तो जांच कराकर उचित वैधानिक कार्रवाई की जाएगी."