दिल्ली : 20 जुलाई से शुरु हुए संसद Parliament के मानसून सत्र का पहला सप्ताह बिना किसी कामकाज के 31 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. शुक्रवार को सदन Parliament में कार्यवाही की शुरुआत होते ही एक बार फिर से विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा और महिलाओं के साथ बर्बरता को लेकर हंगामा शुरु किया और प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने की मांग जारी रखी. सदन Parliament शुरु होते ही मात्र कुछ मिनटों में ही लोकसभा स्पीकर ने सभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.वहीं राज्यसभा में थोड़ी देर के लिए कार्यवाही चली लेकिन फिर वहां भी हंगामा शुरु हुआ और सदन को 31 जुलाई (सोमवार, 11बजे) तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
Lok Sabha adjourned till Monday, 31st July. pic.twitter.com/Ns2KH0LIwh
— ANI (@ANI) July 28, 2023
Parliament में बिना किसी चर्चा के दो विधेयक पारित
Lok Sabha passes the Mines and Minerals (Development and Regulation) Amendment Bill, 2023 with a voice vote.
‘The National Nursing and Midwifery Commission Bill, 2023’ and ‘The National Dental Commission Bill, 2023’ also passed in Lok Sabha.
— ANI (@ANI) July 28, 2023
लोकसभा में हालांकि लगातार हंगामा चलता रहा, इसके बीच दोपहर 12 बजे एक बार फिर से सभा की कार्यवाही शुरु हुई और सरकार ने “खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक 2023” सदन में पेश किया , जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.
लोकसभा में हंगामे के बीच में ही एक और विधेयक ‘द नेशनल नर्सिंग एंड मिडवाइफरी कमीशन बिल, 2023’ और ‘द नेशनल डेंटल कमीशन बिल, 2023’ भी पेश किया गया जिसे लोकसभा ने पारित कर दिया.
हंगामे के बीच बिना किसी चर्चा के सरकार ने दो बिल लोकसभा के पटल पर रखे और इसे पास करा लिया. फिर सदन को 31 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया .
मणिपुर पर गतिरोध जारी
लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष मणिपुर में दो कुकी महिलाओं के साथ हुई बर्बरता को लेकर प्रधानमंत्री से सदन में आकर जवाब देने की मांग करता रहा लेकिन सरकार की तरफ से लगातार यही कहा जाता रहा है कि सदन में गृहमंत्री या अन्य कोई मंत्री बयान देंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने सदन के बाहर बयान दे दिया है.
प्रधानमंत्री मोदी ने मानसून सत्र के शुरु में ही सदन के बाहर बयान दिया कि किसी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा. मणिपुर में सरकार दोषियों को सजा दिलाने के लिए कड़ी से कड़ी कार्रावाई करेगी. लेकिन विपक्ष लगातार मणिपुर के मुद्दे पर ये मांग कर रहा है कि जब संसद का सत्र चल रहा है तो सरकार के मुखिया प्रधानमंत्री मोदी को संसद के अंदर बयान देना चाहिये, संसद के बाहर बयान देने का कोई औचित्य नहीं है. विपक्ष की मांग और सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी के सदन के अंदर आकर बयान ना देने की जिद में मानसून सत्र का दूसरा सप्ताह भी बिना किसी खास काम काज के समाप्त हो गया.