Thursday, February 6, 2025

Parliament session: शपथ ग्रहण के दौरान पीएम को दिखाई गई संविधान की किताब तो शिक्षा मंत्री के लिए लगे नीट-नीट के नारे

Parliament session: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. विपक्ष ने Parliament session के पहले दिन ही साफ कर दिया कि वो सरकार की घटी ताकत का एहसास उसे लगातार कराता रहेगा. फिर चाहे पीएम मोदी की शपथग्रहण का समय हो या फिर प्रोटेम स्पीकर का मुद्दा सदन के अंदर आज खूब हंगामा देखने को मिला.

प्रधानमंत्री को दिखाई गई संविधान की कॉपी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तीसरा कार्यकाल आसान नहीं होगा. इसका इशारा आज विपक्ष ने उनके शपथ ग्रहण के दौरान ही कर दिया. पीएम ने जब आज बतौर सांसद शपथ ली तब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में उन्हें संविधान की प्रतियां दिखाई गई. इस क्लिप को बाद में कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “INDIA गठबंधन जान की बाजी लगाकर संविधान की रक्षा करेगा.”

Parliament session, धर्मेंद्र प्रधान के लिए लगे नीट नीट के नारे

शिक्षा मंत्री धमेंद्र प्रधान के संसद में शपथ लेने पहुंचे तो उन्हें भी विपक्ष के विरोध का सामना करना पड़ा. विपक्षी सांसदों ने NEET-NEET के लगाए.

तीन विपक्षी सांसदों ने नहीं ली शपथ

वहीं सदन की शुरु बोते ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीजेपी सांसद भर्तृहरि महताब को लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई. महताब ने बाद में लोकसभा के नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन के सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए आमंत्रित किय. इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने में प्रोटेम स्पीकर की सहायता के लिए सुरेश कोडिकुन्निल, थलिक्कोट्टई राजुथेवर बालू, राधा मोहन सिंह, फग्गन सिंह कुलस्ते और सुदीप बंद्योपाध्याय को नियुक्त किया है. हालांकि तीन विपक्षी सांसदों ने प्रोटेम स्पीकर की सहायता करने से बहिष्कार किया.

संविधान से चलेगा देश-कांग्रेस

वहीं शाम को कांग्रेस ने ट्वीट कर सदन के भीतर हुए विरोध को लेकर कहा कि अब सदन में किसी की मनमर्जी नहीं चलेगी. कांग्रेस ने पोस्ट किया, “आज संसद सत्र का पहला दिन था और आज का ये दिन कई मायनों में अलग था। आज विपक्ष के नेताओं ने संसद परिसर में संविधान दिखाकर ये साफ कर दिया कि ये देश संविधान से चलेगा। वहीं जब सदन में शिक्षा मंत्री शपथ लेने आए तो सदन NEET-NEET के नारों से गूंज उठा. ये दोनों घटनाएं बताती हैं कि अब लोकतंत्र के मंदिर में किसी एक की मनमर्जी नहीं चलेगी. अब यहां जनता के मुद्दे उठाए जाएंगे। किसानों, युवाओं, मजदूरों, दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों की बात होगी। ये सदन अब किसी के अहंकार का नहीं… बल्कि करोड़ों हिंदुस्तानियों की आशाओं और उम्मीदों का गवाह बनेगा। कांग्रेस का वादा है, हम आपकी आवाज सदन में उठाएंगे हर कीमत पर संविधान और लोकतंत्र बचाएंगे.”

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