Parliament Budget Session: सोमवार को पर लोकसभा में प्रयागराज में चल रहे महा कुंभ में हुई भगदड़ पर विपक्ष के हंगामे और वॉकआउट के बाद अब राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस शुरू हो गई है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संयुक्त सदन में शुक्रवार को दिए गए अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव में बहस पर दोपहर दो बजे विपक्ष के नेता राहुल गांधी भाषण देंगे.
Parliament Budget Session: लोकसभा में लगे मोदी-योगी इस्तीफा दो के नारे
इससे पहले संसद के शुरु होते ही, लोकसभा में महाकुंभ भगदड़ पर हंगामा शुरु हो गया. विपक्ष ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान महाकुंभ भगदड़ का मुद्दा उठाया, जिससे सदन में हंगामा हो गया. पीएम मोदी और सीएम योगी के इस्तीफा देने की मांग के नारे लगाए. मुद्दा उठाने की मांग नहीं मिलने से नाराज़ विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया.
विपक्ष की नारेबाजी पर स्पीकर ने कहा- ‘टेबल तोड़ने’ के लिए नहीं आए हैं
लोकसभा में हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों को फटकार लगाते हुए कहा कि मतदाताओं ने उन्हें टेबल तोड़ने के लिए नहीं बल्कि सवाल पूछने के लिए भेजा है.
उन्होंने लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के नारे लगाते हुए कहा, ”आपको जनता ने टेबल तोड़ने के लिए नहीं भेजा है, आप पहली बार चुनने आए हो.”
प्रश्न काल कभी भी स्थगित नहीं होना चाहिए-ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदस्यों से आग्रह किया कि वे लोकसभा में अराजकता के बीच प्रश्नकाल को कभी बाधित न होने दें. बिड़ला ने कहा, “आप सब से आग्रह करना चाहता हूं, जिन विषयों को उठाना चाहते हैं, राष्ट्रपति अभिभाषण में सब मुद्दों को उठा सकते हैं. मैंने पहले भी कहा है कि प्रश्न काल कभी भी स्थगित नहीं होना चाहिए, ये आप सब की सामूहिक ज़िम्मेदारी है कि प्रश्न काल चले. इस मुद्दे 12 बजे के बाद उठाएं. इस परंपरा को कायम करो, ऐसा मेरा आग्रह है. बाकी आप अगर नारेबाजी करने आये हो, मेज़ थपथपाने आये हो तो मैं कुछ नहीं कह सकता.”
लोजपा सांसद ने महाकुंभ भगदड़ पर विपक्ष के वॉकआउट की निंदा की
लोजपा (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी ने महाकुंभ भगदड़ पर विपक्ष के वॉकआउट की निंदा की. उन्होंने कहा, “इससे विपक्ष की सोच का पता चलता है और यह भी पता चलता है कि देश के मामलों को लेकर वे कितने गैरजिम्मेदार हैं… उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान हंगामा करना शुरू कर दिया… अध्यक्ष ने उनसे यहां तक कहा कि अगर वे इस विशेष मामले पर चर्चा करना चाहते हैं, तो वे ‘राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव’ के दौरान ऐसा कर सकते हैं… उन्होंने उनकी बात नहीं सुनी और वॉकआउट कर गए… उनके पास अपनी बात रखने की कोई रणनीति नहीं है और न ही उन्हें ऐसा करने का सही तरीका पता है.”
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