दमोह(मप्र) : एक पुरानी कहावत है जब सियार की मौत आती है तो वो गांव की तरफ भागता है. इस कहावत के सही मायने आज समझ आये जब ठीक इसी तरह एक सियार नहीं बल्कि खूंखार तेंदुआ अपनी मौत को तलाशता हुआ गांव में घुस गया. जहां आखिर में उसे मौत को गले लगाना पड़ा.
मध्य प्रदेश की है घटना
मामला मध्य प्रदेश के दमोह का है. 3 दिसंबर 2022 शनिवार को जिले के कुम्हारी थाना क्षेत्र के गांव में एक तेंदुए को लोगों ने रास्ता पार करते देखा. जिसका वीडियो भी राहगीरों ने बनाया और तेंदुए की खबर मिलते ही हर तरफ हंगामा मच गया. कुछ देर बाद इस जंगली तेंदुए ने एक युवक पर हमला किया. तो उस खबर से आसपास के लोग और भी ज्यादा दहशत में आ गये.
ये है पूरा मामला
तेंदुए के गाँव में घुसने से पहले वन विभाग के साथ इलाके के लोग भी तेंदुए के वापस जंगल चले जाने से निश्चिन्त थे. लेकिन शाम ढलते ही एक बार फिर तेन्दुआ गाँव की तरफ आया और वन विभाग के एक चौकीदार पर उसने हमला बोल दिया. इस हमले में जान बचाते चौकीदार प्रताप सिंह ने तेंदुए पर भी वार किए. तेंदुए और सिपाही की झड़प में दोनों घायल हो गए . वन विभाग ने शनिवार की देर रात घायल चौकीदार को जिला अस्पताल में दाखिल कराया वहीं घायल तेंदुए को प्राथमिक उपचार के बाद वन अमला जबलपुर लेकर जा ही रहा था. लेकिन तेंदुए ने रास्ते मे ही दम तोड़ दिया.
तेंदुए का होगा पोस्टमॉर्टम
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मध्य प्रदेश के दमोह ज़िले में गाँव में घुसा तेंदुआ . गाँव वालों ने तेंदुए पर किया पथराव . इलाज के लिए तेंदुए को ले जाते वक्त हुई मौत . pic.twitter.com/piitD93HYN— THEBHARATNOW (@thebharatnow) December 4, 2022
वन अधिकरियों के मुताबिक तेन्दुआ कमजोर नजर आ रहा था लेकिन चोटों के निशान नजर नहीं आये. नियमानुसार उसका इलाज कराने ले जाया जा रहा था लेकिन वो तेंदुए को बचा नहीं पाए. फिलहाल जिला अस्पताल में तेंदुए से मुठभेड़ करने वाले चौकीदार की स्थिति भी नाजुक बनी हुई है. वहीं मृत तेंदुए का पोस्टमार्टम जबलपुर में कराया गया. जिसके लिए दमोह के डी एफ ओ सहित अधिकरियों की टीम जबलपुर पहुंची. अब इंतजार है तो पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट का जिससे पता चल सके कि तेंदुए कि मौत कि असल वजह क्या है ?