Friday, April 25, 2025

Joshimath: जोशीमठ में कम हो रहा है खतरा-मुख्यमंत्री के सचिव का बयान, कर्णप्रयाग के बाद टिहरी गढ़वाल के घरों में दिखी दरारें

जोशीमठ में भू धंसाव से खतरा अब कम होने लगा है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के सचिव आरएम सुंदरम ने बताया कि “हम पानी रिसाव की मात्रा को लगातार माप रहे हैं और ये रोज घट रहा है. रविवार को ये 570 LPM था और कल ये घटकर 250 LPM हो गया. 7 तारीख के बाद नई कोई दरारें विकसित नहीं हुई हैं. ये अच्छी बात है.
चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने बताया की जोशीमठ (Joshimath) में प्रशासन लोगों को रिलीफ सेंटर में शिफ्ट कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमारे सर्वे के बाद 723 संरचना में दरारें परिलक्षित हुई हैं और हम लगातार जनप्रतिनिधियों के टाच में हैं ताकि अगर और कही दरारें हो तो वो हमें बताए। 131 परिवार को हमने रिलीफ सेंटर में शिफ्ट कर दिया है.

कर्णप्रयाग के बाद टिहरी गढ़वाल के घरों में दिखी दरारें

प्रमुख सचिव भले ही जोशीमठ में खतरा कम होने की बात कर रहे हैं. लेकिन उत्तराखंड के कई और इलाकों से भी अब घरों में दरार पड़ने की खबर आने लगी है. कर्णप्रयाग के बाद अब टिहरी गढ़वाल में चंबा सुरंग के पास के मकानों में भी दरारें दिखीं गई है. वहीं कर्णप्रयाग में पड़ी दरारों पर चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने कहा, पिछले कुछ दिनों में कर्णप्रयाग में भी दरारें परिलक्षित हुई हैं तो उस जगह को बचाने के लिए IIT रुड़की इस पर अध्ययन कर रहे हैं. इनके अध्ययन के हिसाब से हम आगे की कार्रवाई करेंगे.

कर्णप्रयाग, तहसीलदार, सुरेंद्र देव ने बताया कि, ”मानसून के समय से ही पूरा क्षेत्र प्रभावित रहा है. बारिश के मौसम में पानी घरों में घुस जाता था और यहां भू-धंसाव की स्थिति बनी हुई थी. हमने अगस्त और सितंबर में संयुक्त निरीक्षण किया था और 27 भवनों की सूची ज़िला कार्यालय को दी थी.”

इस बीच कर्णप्रयाग में बहुगुणा नगर में जहां घरों में दरारें पड़ी है वहां के लोग घबराए हुए है. वहां भी प्रशासन और सरकार के प्रति लोगों का गुस्सा बढ़ रहा है. स्थानीय एक व्यक्ति ने बताया कि, “2 साल पुराना हमारा घर है और एक साल से इसमें दरारें आने शुरू हुई हैं इसके लिए हमने प्रशासन से भी बात की तो उन्होंने इसके लिए सिर्फ 5,200 रुपए दिए हैं.”

जिला मजिस्ट्रेट ने जोशीमठ के प्रभावितों के साथ की बैठक

इस बीच जोशीमठ (Joshimath) के जिला मजिस्ट्रेट ने जोशीमठ में भूमि धंसने के कारण क्षतिग्रस्त हुए घरों के लोगों के साथ बैठक की. मंगलवार को प्रशासन के असुरक्षित घोषित किए गए क्षेत्र में क्षतिग्रस्त इमारतों को गिराने के फैसले के खिलाफ काफी विरोध देखने को मिला था. लोगों की शिकायत थी कि प्रशासन ने उनके मकान गिराने का फैसला उनसे पूछे बिना ले लिया इतना ही नहीं लोगों में ये डर भी था कि उनके मकान तो गिरा दिए जाएंगे लेकिन सरकार या प्रशासन की ओर से अभी तक पुनर्वास और मुआवजे का कोई आश्वासन भी नहीं दिया गया है. इसके बाद ही आज इस बैठक का फैसला लिया गया था.

प्रमुख सचिव से मिलकर भी संतुष्ट नहीं थे मलारी इन के मालिक

जोशीमठ (Joshimath) में असुरक्षित क्षेत्र की जिस होटल मलारी इन को गिराने के लिए पहुंची प्रशासन की टीम का मंगलवार को विरोध हुआ था बुधवार को उसके मालिक ठाकुर सिंह राणा की प्रमुख सचिव उत्तराखंड के साथ बैठक हुई. बैठक के बाद भी मलारी इन के मालिक संतुष्ट नहीं नज़र आए. उन्होंने मीडिया से कहा, “आज मेरी मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के साथ बैठक हुई. उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ के तर्ज़ पर मुआवजा नहीं मिलेगा लेकिन मार्केट रेट पर होगा. हमने बोला कि मार्केट रेट बता दें लेकिन उन्होंने कहा कि नहीं बता सकते तो हमने कहा कि हम भी नहीं उठेंगे.”
हलांकि बाद में SDRF कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने बताया की होटल के मालिक की सभी संदेह दुर कर दिए गए है जल्द ही होटल को गिराने का काम शुरु किया जाएगा. SDRF कमांडेंट ने कहा, “यहां पुलिस, SDRF, NDRF और CBRI की टीम पहुंच चुकी है. होटल के मालिक वार्ता चल रही है. कुछ बिंदुओं पर उनको संदेह था वे करीब-करीब समाप्त हो गया है. उसके बाद भवन गिराने का काम शुरू हो जाएगा.”
SDRF कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने ये भी बताया कि होटल गिराने के लिए मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. “भवन को गिराने में हैवी मशीनों का प्रयोग नहीं किया जा सकता. इसमें ज्यादातर हाथ से चलने वाली मशीनों का ही प्रयोग किया जाएगा.”
आपको बता दें मंगलवार को होटल मलारी इन के मालिक और उनके परिजन मुआवजे की मांग को लेकर होटल के बाहर बैठे गए थे. होटल के मालिक का कहना था कि, “मैं अपने लिए यहां नहीं बैठा हूं, मेरा बेटा फ्रांस में रहता है…मैं तो वहां चला जाऊं लेकिन मैं यहां के लोगों के लिए बैठा हूं.”

 

हरिद्वार से जोशीमठ के लिए भेजी गई राहत सामग्री

जोशीमठ (Joshimath) के लोगों का दर्द अब लोगों के दिल तक पहुंचने लगा है. जोशीमठ में भू-धंसाव के चलते प्रभावित परिवारों के लिए राहत सामग्री भेजे जाने का सिलसिला शुरु हो गया है. हरिद्वारा के लोगों ने सबसे पहले जोशीमठ (Joshimath) के लोगों के लिए राहत सामग्री भेजी है.
हरिद्वार के नायब तहसीलदार रमेश चंद नौटियाल ने बताया कि, “हमने विभिन्न व्यापारी से सामग्री एकत्रित कर 5 ट्रकों में करीब 2350 कंबल, 900 पैकेट राशन जिसमें 5-5 किलो आटा-चावल, 1 लीटर खाद्य तेल और अन्य सामग्री जोशीमठ भेज रहे हैं. मेडिकल सामान के लिए अलग वाहन तैयार किए जा रहे हैं.”

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