वाराणसी:जिला अदालत में बुधवार को ज्ञानवापी Gyanvapi case मस्जिद परिसर की सर्वे रिपोर्ट सभी पक्षकारों को सौंपें जाने का आदेश दिया. हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने बताया कि जिला अदालत के न्यायाधीश ए के विश्वेश ने अपने आदेश में कहा कि ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सभी पक्षकारों को सौंपी जाए.
Gyanvapi case : परिसर की सर्वे रिपोर्ट दाखिल
मुस्लिम पक्ष ने इस दौरान न्यायाधीश के समक्ष मांग रखी की सर्वे की रिपोर्ट पक्षकारों तक ही रहे,उसे सार्वजनिक ना किया जाए.इस पर न्यायाधीश ने कहा सभी पक्षकार रिपोर्ट को अपने तक रखने और सार्वजनिक न करने का हलफनामा अदालत में जमा करा कर सर्वे रिपोर्ट प्राप्त करें. यादव ने बताया कि भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण ने सिविल न्यायाधीश सीनियर डिवीजन प्रशांत सिंह की अदालत में ज्ञान व्यापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट दाखिल की.जिसके बाद जिला न्यायाधीश ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट को सभी पक्षकारों को सौंपे जाने का आदेश दिया.अदालत के आदेश में कहा गया कि अन्य लंबित आवेदन पर 6 फरवरी को सुनवाई की जाएगी.हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि आदेश के प्रति देर शाम आई,इसलिए सभी पक्ष प्रार्थना पत्र जमा करने के बाद गुरुवार को आदेश की प्रति प्राप्त करेंगे.
प्रार्थना पत्र जमा कर आदेश की प्रति हासिल करेंगे
इंतजामिया कमेटी के वकील मोहम्मद तौहीद ने भी कहा कि वह गुरुवार को प्रार्थना पत्र जमा करके आदेश की प्रति हासिल करेंगे.यादव ने कहा कि जहां विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के वकील अपने मुवक्किल के लिए आदेश की प्रति हासिल करेंगे,वहीं जिलाधिकारी वाराणसी और राज्य के गृह सचिव के लिए सरकारी वकील आदेश की प्रति हासिल करेंगे और उन्हें उपलब्ध कराएंगे.जिला अदालत के पिछले 21 जुलाई के आदेश के बाद एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था,ताकि यह निर्धारित किया जा सके की मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं. यादव ने कहा कि एएसआई ने अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट न्यायमूर्ति प्रशांत सिंह की फास्ट्रेक कोर्ट में प्रस्तुत की जिसके बाद मामला जिला न्यायाधीश की अदालत में आया. जिन्होंने पक्षों को रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराने का आदेश दिया.
एएसआई ने 18 दिसंबर को सील बंद लिफाफे में सर्वेक्षण रिपोर्ट जिला अदालत को सौंपी थी
बुधवार को मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत में अनुरोध किया कि सर्वे रिपोर्ट पक्षकारों के पास होनी चाहिए और इसे सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए.हिंदू याचिकाकर्ताओं के यह दावा करने के बाद की 17वीं सदी की मस्जिद का निर्माण पहले से मौजूद मंदिर के ऊपर किया गया था. अदालत ने सर्वेक्षण का आदेश दिया था. एएसआई ने 18 दिसंबर को सील बंद लिफाफे में अपनी सर्वेक्षण रिपोर्ट जिला अदालत को सौंपी थी.एएसआई ने 3 जनवरी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 19 दिसंबर के फैसले का हवाला देते हुए अदालत से अपनी ज्ञानवापी परिसर सर्वेक्षण रिपोर्ट को कम से कम चार सप्ताह तक सार्वजनिक नहीं करने का आग्रह किया था.