Monday, December 23, 2024

New Parliament Inauguration: नई संसद भवन के उद्घाटन समारोह का कांग्रेस समेत 19 पार्टियां करेंगी बहिष्कार

आखिरकार कांग्रेस ने अपना फैसला सुना दिया है. अब कांग्रेस समेत 19 विपक्षी पार्टियां नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेंगी. इन सभी ने एक संयुक्त बयान जारी किया है. बयान में कहा गया है कि “लोकतंत्र की आत्मा को संसद से निष्कासित कर दिया गया है. हमें इस इमारत में कोई मूल्य नहीं दिखता है. इसलिए हम नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है. हम इस निरंकुश प्रधानंमत्री और उनकी सरकार के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे.”

बहिष्कार का एलान करने वाली पार्टियां हैं

तो जिन 19 पार्टियों ने 28 मई के कार्यक्रम का बहिष्कार करने का एलान किया है वो हैं-

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके)
आम आदमी पार्टी
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे)
समाजवादी पार्टी
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई)
झारखंड मुक्ति मोर्चा
केरल कांग्रेस (मणि)
विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची
राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी)
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)
जनता दल (यूनाइटेड) (जेडीयू)
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी)
भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआईएम)
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी)
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग
नेशनल कांफ्रेंस
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी
मारुमलार्थी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके)

हमने सबको बुलाया-अमित शाह

विपक्ष के नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करने के एलान के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने सबको बुलाया है.

केद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रहा कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद का नवनिर्मित भवन राष्ट्र को समर्पित करेंगे. इस नई संचरना को रिकॉर्ड समय में बनाने के लिए करीब 60,000 श्रमयोगियों ने अपना योगदान दिया है. इस अवसर पर पीएम सभी श्रमयोगियों का सम्मान भी करेंगे.”

इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, “इस अवसर पर एक ऐतिहासिक परंपरा पुनर्जीवित होगी. इसके पीछे युगों से जुड़ी हुई एक परंपरा है. इसे तमिल में सेंगोल कहा जाता है और इसका अर्थ संपदा से संपन्न और ऐतिहासिक है. 14 अगस्त 1947 को एक अनोखी घटना हुई थी. इसके 75 साल बाद आज देश के अधिकांश नागरिकों को इसकी जानकारी नहीं है. सेंगोल ने हमारे इतिहास में एक अहम भूमिका निभाई थी. यह सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था. इसकी जानकारी पीएम मोदी को मिली तो गहन जांच करवाई गई. फिर निर्णय लिया गया कि इसे देश के सामने रखना चाहिए. इसके लिए नए संसद भवन के लोकार्पण के दिन को चुना गया.”

लेफ्ट करेगा नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार

सीपीएम ने भी इस आयोजन पर कड़ी आपत्ति जताई है. सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा, “मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखते समय राष्ट्रपति को दरकिनार कर दिया. अब उद्घाटन पर भी, ये अस्वीकार्य है.”
सीताराम येचुरी ने ट्वीट कर कहा ने एक और ट्वीट कर कहा कि, “केवल जब भारत के राष्ट्रपति संसद को बुलाते हैं तो यह मिल सकता है.राष्ट्रपति संयुक्त सत्र को संबोधित करके, वार्षिक, संसदीय कामकाज शुरू करते हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रत्येक वर्ष संसद का पहला व्यवसाय “धन्यवाद प्रस्ताव” होता है. ”

आरजेडी भी नहीं होगी कार्यक्रम में शामिल

राष्ट्रीय जनता दल भी 28 मई को दिल्ली में नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करेगी. पटना में बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि, “हमारी सभी लोगों से बात हुई है हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे. हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है.”

शिवसेना (उद्धव) भी करेगी बहिष्कार

शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने भी अपनी पार्टी की ओर से स्थिति साफ करते हुए कहा कि, ”यह (पुराना) संसद भवन ऐतिहासिक है और इस संसद भवन से न RSS और न BJP का कोई रिश्ता है. यह खर्चा सिर्फ शिला पर ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा का उद्घाटन किया गया’ लिखाए जाने के लिए हो रहा है. संविधान के अभिरक्षक राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं किया जा रहा.”
संजय राउत ने कहा कि, “इसिलए देश के विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया है. द्रौपदी मुर्मू जी को आदिवासी महिला के नाम पर राष्ट्रपति बनाया लेकिन उनको राष्ट्रपति भवन से बाहर तक नहीं आने दिया जाता.”

डीएमके ने भी किया नई संसद के उद्धाटन के बहिष्कार का एलान

DMK (द्रविड़ मुनेत्र कड़गम) नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी: ANI से DMK सांसद तिरुचि शिवा

राष्ट्रपति को आमंत्रित नहीं कर उनका घोर अपमान किया गया है-आप

वहीं आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी अपनी पार्टी की ओर से उद्धाटन समारोह के बहिष्टार की जानकारी देते हुए लिखा, “संसद भवन के उदघाटन समारोह में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मूर्मू जी को आमंत्रित न करना उनका घोर अपमान है. ये भारत के दलित आदिवासी व वंचित समाज का अपमान है. मोदी जी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति को आमंत्रित नही करने के विरोध में @AamAadmiParty उदघाटन कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी.”

संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है-टीएमसी

टीएमसी की ओर से उसके नेता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रायन ने घोषणा की कि पार्टी नई संसद के उद्घाटन का बहिष्कार करेगी. डेरेक ने नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला भी किया, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए संसद का उद्घाटन ” मैं, मेरा और सिर्फ मैं है ” है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “संसद सिर्फ एक नई इमारत नहीं है; यह पुरानी परंपराओं, मूल्यों, मिसालों और नियमों के साथ एक प्रतिष्ठान है – यह भारतीय लोकतंत्र की नींव है. पीएम मोदी को यह समझ नहीं आ रहा है. उनके लिए, रविवार को नए भवन का उद्घाटन कार्यक्रम का मतलब मैं, मेरा और सिर्फ मेरा है, तो वह हमें इस कार्यक्रम में शामिल नहीं माने.”

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करें नई संसद का उद्घाटन- विपक्ष

विपक्षी दलों ने मांग की है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को नए भवन का उद्घाटन करना चाहिए. इसके लिए समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया और सदन में पार्टी के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी कर बहिष्कार की घोषणा की. उनका तर्क था कि नई संसद भवन का उद्घाटन विधायिका के प्रमुख को करना चाहिए, न कि सरकार के प्रमुख को.

मोदी 28 मई को करेंगे नए संसद भवन का उद्धाटन

आपको बता दें, विपक्षी दलों की कड़ी आलोचना के बीच, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. चार मंजिला इस इमारत में 1,200 से अधिक सांसदों के बैठने की व्यवस्था है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के निमंत्रण पर पीएम मोदी 28 मई को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे.

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