GST On Health & Life Insurance: जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम से GST वापस लेने की मांग को लेकर INDIA गठबंधन ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन की तस्वीरों को शेयर करते हुए कांग्रेस ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा,”मोदी सरकार ने अपने ‘वसूली बजट’ में हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस सेवाओं पर GST बढ़ा दिया है. इससे जनता को इन सुविधाओं के लिए ज्यादा खर्च करना पड़ेगा. मोदी सरकार की इस वसूली के खिलाफ INDIA गठबंधन के नेताओं ने संसद परिसर में प्रदर्शन किया.”
#WATCH दिल्ली: जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम से GST वापस लेने की मांग को लेकर INDIA गठबंधन ने संसद के मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/5b4m5HkUEA
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 6, 2024
GST On Health & Life Insurance हटाने की क्यों हो रही है मांग
प्रदर्शन के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, “सरकार ने स्वास्थ्य बीमा और दवाइयों पर जो GST लगा रखी है उससे आम जनमानस बहुत परेशान है. नितिन गडकरी(केंद्रीय मंत्री) भी इसके लिए पत्र लिख चुके हैं. सरकार के अंदर भी इस बात के लिए बहुत विरोध है. पूरा विपक्ष आज इसके लिए विरोध प्रदर्शन कर रहा है. सरकार को आम आदमी को राहत देनी पड़ेगी.”
वहीं जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 18% GST वापस लेने की मांग को लेकर संसद में INDIA ब्लॉक के विरोध प्रदर्शन पर JMM नेता महुआ माजी ने कहा, “मोदी सरकार बिना कुछ सोचे समझे तानाशाही के तहत कुछ भी लागू कर देती है. नोटबंदी कर दी, GST लागू कर दिया। हेल्थ सेक्टर में अगर 18% GST होगा तो मध्यम वर्ग इससे बहुत ज्यादा प्रभावित होगा… ये देश के साथ बहुत बड़ा अन्याय है. ये विरोध तबतक जारी रहेगा जब तक 18% GST खत्म नहीं होती.”
नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री को पत्र लिख GST खत्म करने की मांग की थी
सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर 18% वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) हटाने की मांग की है. नितिन गडकरी ने कहा कि जीएसटी जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के बराबर है और इस क्षेत्र के विकास को रोकता है. उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों का हवाला दे जीएसटी की मांग की थी. उन्होंने लिखा था “आपसे अनुरोध है कि जीवन और चिकित्सा बीमा प्रीमियम पर जीएसटी हटाने के सुझाव पर प्राथमिकता के आधार पर विचार करें, क्योंकि यह वरिष्ठ नागरिकों के लिए बोझिल हो जाता है.”