वाराणसी में चैत्र नवरात्रि की चतुर्थी पर शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच याचिकाकर्ता महिलाओं ने अन्य भक्तों के साथ माँ श्रृंगार गौरी की पूजा करने के लिए ज्ञानवापी Gyanvapi के तहखाने में प्रवेश करने की अनुमति दी गई. भजन और गीत गाते हुए महिलाएं हाथों में झंडियां लेकर श्रृंगार सामग्री के साथ माता के दर्शन को पहुंचीं. मुकदमे से जुड़ी वादी महिलाएं सीता साहू, रेखा पाठक, लक्ष्मी देवी और मंजू व्यास भी इनमें शामिल थी. महिलाओं ने माता की पूजन की और उन्हें सोलह श्रृंगार की सामग्री अर्पित की. पूजा-पाठ के बाद ज्ञानवापी परिसर हर-हर महादेव और जय माता दी के नारों से गूंज उठा.
#WATCH उत्तर प्रदेश: वाराणसी में चैत्र नवरात्रि की चतुर्थी पर आज कड़ी सुरक्षा के बीच याचिकाकर्ता महिलाओं को अन्य भक्तों के साथ माँ श्रृंगार गौरी की पूजा करने के लिए तहखाने में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। pic.twitter.com/1tedU0naO4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 12, 2024
Gyanvapi के अन्य तहखानों को भी खुलवा कर सर्वे हो-वकील
श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया, “…सभी सर्वे हो चुके हैं और रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल हो चुकी हैं…हमारी मांग है अन्य तहखानों को भी खुलवा कर सर्वे हो. आज सुनवाई की तारीख है, देखते हैं कोर्ट का रुख क्या होगा.”
#WATCH वाराणसी: श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले में हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया, “…सभी सर्वे हो चुके हैं और रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल हो चुकी हैं…हमारी मांग है अन्य तहखानों को भी खुलवा कर सर्वे हो। आज सुनवाई की तारीख है,… pic.twitter.com/1zwkv6lzIr
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श्रृंगार गौरी पूजा कलश यात्रा निकाली गई
पूजा पाठ से पहले सुबह वाराणसी में माँ श्रृंगार गौरी पूजा कलश यात्रा निकाली गई.
#WATCH उत्तर प्रदेश: वाराणसी में माँ श्रृंगार गौरी पूजा कलश यात्रा निकाली गई। pic.twitter.com/BLEL986hLb
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ज्ञानवापी मामले को लेकर न्यायालय में विवाद चल रहा है. ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर सुनवाई भी जारी है.
आपको बता दें, 1991 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढांचे गिराए जाने के बाद ज्ञानवापी परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. इसके बाद 1993 में ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था.
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