छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर मंगलवार से उत्सव के रंग में डूबा हुआ है.राज्य स्थापना के 23वें वर्षगांठ के असवर पर शुरु हुए आयोजन में रंगारंग कार्यक्रमों की धूम मची है.इन आयोजनों में सबसे खास है NTDF 2022 यानी राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव.इस महोत्सव में देश विदेश से आये आदिवासी,जनजाति और लोक कलाकार हिस्सा ले रहे हैं
‘राज्योत्सव 2022’ के दूसरे दिन बुधवार को देश के कई हिस्सों के आदिवासी और लोकनर्तकों ने जोरदार प्रस्तुती दी. प्रदर्शन इतना शानदार रहा है कि सीएम भूपेश बधेल ने खुद इसका वीडियो ट्वीट किया है .
अद्भुत, अविस्मरणीय आदिवासी संस्कृति और लोक नृत्य के रंग #CGTribalFest2022#NTDF2022#CGRajyotsav2022 @bhupeshbaghel @culture_deptt @MinOfCultureGoI pic.twitter.com/Hh0XGiUvdj
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) November 2, 2022
राज्योत्सव 2022 में देश विदेश से आये कलाकार धमाल मचा रहे हैं. रायपुर के साइंस कालेज मे बने खास शिल्पग्राम में मंच सजा है और कलाकार अपनी मोहक प्रस्तुति से सबका मनमोह रहे हैं. आयोजन के दूसरे दिन मालदीव, मंगोलिया सर्विया न्यूजीलैंड और इंजोनेशिया की लोक कलाकरों ने अपनी प्रस्तुति दी.
साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राज्योत्सव एवं राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel
दर्शक दीर्घा में बैठकर मालदीव, सर्बिया, मंगोलिया, न्यूजीलैण्ड और इंडोनेशिया की मनमोहक प्रस्तुति का लिया आनंद#CGTribalFest2022#NTDF2022#CGRajyotsav2022 pic.twitter.com/rzDIaoRh1I
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इसके बाद भारत के अलग अलग प्रांतों के कलाकारों ने भी National tribal dance festival में अपने अपने प्रांत की कला का प्रदर्शन किया.उत्तराखंड के कलाकारों ने हारूल नृत्य का प्रदर्शन किया.उत्तराखंड में हारुल नृत्य मूलतः जौनसारी जनजाति द्वारा किया जाता है. इस नृत्य में रमतुला नामक वाद्ययंत्र अनिवार्य रुप से बजाया जाता है.
तेलंगाना के बंजारा समुदाय द्वारा किया जाने वाला लोक नृत्य है लंबाड़ी. डफ और तुकता वाद्ययंत्र का प्रयोग कर अपनी खुशी प्रकट करने के लिए यह नृत्य किया जाता है.
त्रिपुरा में होजागिरी नृत्य दीवाली में खास तौर पर किया जाता है. #CGTribalFest2022 में जिसने भी होजागीरी नृत्य देखा वो संतुलन व नृत्य कला की तारीफ करने से अपने आपको नहीं रोक सका.
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के मंच पर पश्चिम बंगाल के कलाकारों ने बहुत ही मोहक अंदाज में ‘संथाली नृत्य’ प्रस्तुत किया. यह नृत्य हर छोटी-बड़ी खुशियों को जाहिर करने का एक सुंदर माध्यम है.
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में आकर्षण का केन्द्र बना मेघालय की गारो जनजाति का वांगला नृत्य डाना वाद्य यंत्र के साथ किया जाने वाला यह नृत्य, ईश्वर को धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए ये नृत्य किया जाता है.
रायपुर में शुरु हुए उत्सव का आज तीसरा और अंतिम दिन है. इस उत्सव का आनंद उठाने पूरे राज्य से लोग इकट्टठा हुए हैं. मस्ती की आलम ये है कि कलाकार मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन कर रहे हैं तो दर्शक स्टेज के बिना ही थरकने में हैं. सीएम भूपेश बधेल ने लोगों का उत्साह देखते हुए सोशल मीडिया पर ये वीडिये शेयर किया है
ये खुशी, ये उत्साह
वाह…भई…वाह…राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव की खुशी में हर कोई झूम रहा।#CGTribalFest2022 #CGRajyotsav2022 @bhupeshbaghel @culture_deptt pic.twitter.com/2a0cTAHluO
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