सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए वक्त वक्त पर तरह तरह के नियम कायदे लागू किये जाते है. तो कभी लापरवाही को रोकने के लिए जुर्माने के नाम पर रकम बढ़ाई जाती है. ताकि आम लोग जागरूक हो सड़क नियमों का पालन करें. खासतौर पर जगह जगह बोर्ड लगाए जाते है, TV पर विज्ञापन चलाये जाते है कि वाहन चलाते समय नशा ना करे . इसी कड़ी में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट द्वारा वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए एक नया कानून लागू किया है. लोग नियमों का पालन करे इसके लिए आबकारी विभाग ने एक आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक हेलमेट नहीं पहनने वालों को अब शराब नहीं मिलेगी.
इसी क्रम में आबकारी विभाग जबलपुर ने शराब दुकान संचालकों को अपनी दुकानों के बाहर बैनर पोस्टर लगाकर बिना हेलमेट वाहन चालकों को शराब देने पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं. इस आदेश को जन जन तक पहुँचाने के लिए सभी शराब ठेकों के बाहर बैनर पोस्टर चस्पा किये गए है . जिसमें साफ़ लिखा है कि उन लोगों को शराब नहीं दी जा रही है. जो हेलमेट के बिना गाड़ी चलाते हैं.
ऐसे में आबकारी अधिकारीयों का कहना है कि सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने वालों के साथ घटती है. इसलिए अब बिना हेलमेट के बाइक सवारों को शराब ही नहीं मिलेगी . इसे कहते है ना होगी बांस न बजेगी बांसुरी .
वैसे सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सिर्फ यही नहीं बल्कि और बही कई चीज़े कि जा रही है . जैसे कि पुलिस सड़कों पर उतर कर लोगों को हेलमेट लगाने के लिए जागरूकता कर रही है. इस दौरान पुलिस के सभी अधिकारी और जवान हेलमेट में नजर आए. जागरूकता गीत, पंपलेट और बैनर के जरिये लोगों को हेलमेट लगाने के लिए जागरूक करते दिखे. यहाँ तक कि जो भी जन हेलमेट पहनकर सफर करते दिखे उन्हें चॉकलेट देकर उनका हौसला बढ़ाया गया.
क्या आप जानते है हर दिन होने वाली मौतों में 60 % मौत सिर्फ सड़क दुर्घटना की वजह से होती है. केवल मध्य प्रदेश में ही सड़क दुर्घटना से हर साल 50 हजार लोग अपनी जान गवांते हैं. सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौत सिर में चोट लगने के कारण होती हैं इसलिए लोगों से हेलमेट पहनकर वाहन चलाने की अपील की जा रही है. जो लोग फिर भी नहीं मानते उनके लिए चालानी कार्रवाई भी लगातार जारी है.
तो ये अब आप पर निर्भर करता है . आप प्यार की भाषा समझ कर ज़िम्मेदार नागरिक बनेंगे या फिर लातों के भूत बनकर चालान भरने के बाद ज़िम्मेदारी समझेंगे .