मेरठ : यूपी STF ने गैंगस्टर अनिल दुजाना को एनकाउंटर में मार गिराया है. दुजाना पर कई राज्यों में 50 से ज्यादा केस चल रहे थे. 2011 में बादलपुर कोतवाली में आईपीसी की धारा-174 ए के केस में अनिल दुजाना को तीन साल की सजा सुनाई गई थी. मेरठ के जानी थाना क्षेत्र में हुए एनकाउंटर में अनिल दुजाना मारा गया.
बादलपुर के दुजाना गांव का था अनिल नागर
दरअसल बादलपुर का दुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से जाना जाता था. सत्तर और अस्सी के दशक में सुंदर का दिल्ली-एनसीआर में खौफ था. उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को जान से मारने की धमकी दे दी थी. इसी दुजाना गांव का था अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना. पुलिस रिकॉर्ड में 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में इसके खिलाफ हरबीर पहलवान की हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था.
जेल से छूटने की खबर नोएडा पुलिस को नहीं लगी
कुख्यात बदमाश अनिल दुजाना पिछले काफी समय से दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद था लेकिन कुछ समय पहले वह जमानत पर बाहर आ गया. बताया जाता है कि इसकी जानकारी मॉनिटरिंग सेल के द्वारा पुलिस को भेजी गई थी लेकिन स्थानीय पुलिस ने इसमें संज्ञान नहीं लिया. जेल से बाहर आते ही अनिल दुजाना ने जयचंद प्रधान मर्डर केस में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी. जिसके बाद उच्च अधिकारियों ने एक्शन लेते हुए अनिल दुजाना के खिलाफ पिछले सप्ताह में 2 मुकदमे दर्ज किए थे.
दुजाना पर 50 से अधिक मुकदमे दर्ज
अनिल दुजाना गौतमबुद्ध नगर के बादलपुर कोतवाली का हिस्ट्रीशीटर था. वह बादलपुर के दुजाना गांव का रहने वाला था. उसके खिलाफ रंगदारी, लूट, हत्या और अपहरण के 50 से अधिक मुकदमे दर्ज थे.
अनिल दुजाना योगी आदित्यनाथ की हिटलिस्ट में था शामिल
आपको बता दें कि अनिल दुजाना उत्तर प्रदेश के टॉप बदमाशों में शामिल था. कुछ दिनों पहले यूपी के टॉप 65 माफियाओं की लिस्ट योगी आदित्यनाथ कार्यालय से जारी की गई थी. जिसमें ग्रेटर नोएडा के अनिल दुजाना का नाम भी शामिल था. लिस्ट के मुताबिक गौतमबुद्ध नगर में 7 कुख्यात बदमाश हैं. जिनमें से इस समय 6 जेल में बंद है और एक अनिल दुजाना फरार चल रहा था. दुजाना की गिरफ्तारी के लिए यूपीएसटीएफ ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था. आखिरकार मेरठ के जानी गांव में मुठभेड़ में मारा गया.