Bihar Gang Rape: बिहार से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. जहां 16 साल की लड़की के साथ हैवानों से भी बदतर सलूक किया गया. यहां भी दिल्ली की निर्भया कांड जैसी दरिंदगी की गई है. जहाँ एक नबालिग के साथ गैंगरेप के बाद तीन लड़कों ने जानवरों की तरह उसके शरीर को नोंचा और फिर उसे सड़क किनारे फेंक दिया. जिसके बाद वो बेहोश हो गई. सुबह होने पर किसी ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. जिसके 72 घंटे बाद नाबालिग को होश आया. उसने पूरी आपबीती पुलिस को बताई.
पीड़िता ने बताया कि 16 अगस्त की रात 1 बजे वो और उसके पिता कोलकाता से समस्तीपुर स्टेशन पर उतरे थे. जहां स्टेशन परिसर में एक बोलेरो खड़ी थी. जिसके चालक से बातचीत करने पर उसने कहा कि वो उन्हें घर पहुंचा देगा. बोलेरो में उसके साथ एक और व्यक्ति भी बैठे हुआ था. ड्राइवर ने बताया कि यह भी सवारी है और उसी ओर जाना है. उसके बाद दोनों पिता- पुत्री उस गाड़ी में बैठ गये. जिसके बाद मुक्तापुर के पास उस व्यक्ति ने दोनों बाप-बेटी को कोल्ड ड्रिंक पीने को दिया. कोल्ड ड्रिंक पीने के बाद वो दोनों बेहोश हो गए. जिसके बाद नशाखुरानों ने चलती गाड़ी में ही किशोरी को अपनी हवस का शिकार बनाने के बाद बेहोशी की हालत में सकरा थाना क्षेत्र में फेंक दिया गया था.
इस मामले में तीन बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में बदमाशों ने पिता-पुत्री को लूटने और किशोरी से गैंगरेप किए जाने की बात स्वीकारी है. गिरफ्तार अपराधियों में अंतरजिला गिरोह के तीन बदमाश शामिल हैं. आरोपियों ने बताया कि – पिता पुत्री के बेहोश होने के बाद उन्होंने उनके पास से रुपये और मोबाइल ले लिए. लड़की के पिता को बेहोशी हालत में पूसा रोड इलाके में सड़क के किनारे फेंक दिया. उसके बाद ड्राइवर समेत तीन लोगों ने चलती गाड़ी में बारी-बारी से लड़की के साथ दुष्कर्म किया. दुष्कर्म की घटना के बाद अपराधियों ने मुजफ्फरपुर के सकरा थाना क्षेत्र में लड़की को बेहोशी की हालत में अर्धनग्न अवस्था में फेंक दिया.
पीड़िता को 72 घंटे बाद जब होश आया. तो 23 अगस्त को उसने महिला थाने में एक लिखित आवेदन दिया. जिसके बाद जिला पुलिस कप्तान विनय तिवारी ने एक टीम गठित कर जांच के लिए लगाया. टीम ने कार्रवाई करते हुए मामले में तीन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया और बोलोरो भी जब्त कर लिया है.
बिहार में बढ़ते अपराध और बेख़ौफ़ अपराधियों का आतंक हर रोज़ बढ़ रहा है. आज बिहार जाने से भी लोग डरने लगे हैं. लेकिन बेहद अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि ऐसे घटनों के बाद भी सूबे के मुखिया कहते हैं कहाँ है अपराध? और आकड़ें गिनाने लगते हैं.