Monday, December 23, 2024

NIA raid on BHU leaders: यूपी के 5 जिलों में बीएचयू छात्र नेताओं, पीयूसीएल सदस्यों पर छापेमारी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में कम से कम आठ स्थानों पर छापेमारी की, जिसे उसने प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) पर कार्रवाई बताया.
दिप्रिंट में छपी खबर के मुताबिक जिन स्थानों पर छापेमारी की गई उनमें वाराणसी में भगत सिंह छात्र मोर्चा (बीएसएम) की दो महिला छात्र नेताओं के आवास और प्रयागराज में पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) के तीन सदस्यों के आवास शामिल हैं.

दिप्रिंट की खबर में बताया गया है कि, बीएसएम एक छात्रों का राजनीतिक निकाय है जो मुख्य रूप से वाराणसी के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और पूर्वी यूपी के कुछ हिस्सों में सक्रिय है. पीयूसीएल को उसकी वेबसाइट पर “देश का सबसे बड़ा मानवाधिकार संगठन” बताया गया है.

मंगलवार को जिन लोगों पर छापेमारी की गई, उनमें जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के दो सदस्य शामिल थे, जिन्होंने 2022 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था. कार्यकर्ता और बीएसएम के संस्थापक रितेश राय के चंदौली और प्रयागराज घरों पर भी छापेमारी की गई.

एनआईए ने बयान में क्या कहा

एनआईए ने बुधवार को एक बयान में कहा, “एनआईए जांच से संकेत मिलता है कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंगों को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के इरादे से कैडरों को प्रेरित/भर्ती करने और सीपीआई (माओवादी) की विचारधारा का प्रचार करने का काम सौंपा गया है.” “वे इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंक और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे.”

बिहार में रितेश के भाई की हुई थी गिरफ्तारी

दिप्रिंट की खबर के मुताबिक “पिछले महीने, बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी (रितेश राय) के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था, जिनकी पत्नी का नाम मामले से संबंधित एफआईआर में है. रोहित से पूछताछ के बाद राज्य पुलिस को सीपीआई (माओवादी) के एनआरबी (उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो) के प्रभारी प्रमोद मिश्रा को गिरफ्तार करना पड़ा.”
एनआईए ने कहा कि यूपी के प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, देवरिया और आज़मगढ़ जिलों में आरोपियों और संदिग्धों के परिसरों पर छापेमारी की गई और सिम कार्ड, “माओवादी साहित्य, किताबें, पर्चे, पॉकेट डायरी, पैसे” के साथ रसीद पुस्तकें, कई डिजिटल उपकरण और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज़ जब्त किए गए.”.

इसमें कहा गया है कि मामले के संबंध में एफआईआर में मनीष आज़ाद और रितेश विद्यार्थी के साथ-साथ उनके सहयोगियों विश्व विजय और उनकी पत्नी सीमा आज़ाद, मनीष की पत्नी अमिता शिरीन, कृपा शंकर, राय की पत्नी सोनी आज़ाद, आकांक्षा शर्मा और राजेश आज़ाद (राजेश चौहान) के नाम शामिल हैं. जांच एजेंसी का कहना है कि इनमें से कुछ प्रमुख आरोपियों को सीपीआई (माओवादी) को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में शामिल पाया गया है.
इन लोगों में वे लोग भी शामिल हैं जिन पर मंगलवार को छापा मारा गया था और इनमें बीएसएम और पीयूसीएल के सदस्यों के साथ-साथ कार्यकर्ता और वकील भी शामिल हैं.

शर्मा जो एक बीएसएम नेता हैं जिन्हें आईपीसी की धारा 120बी (साजिश) और 121ए के तहत जून 2023 में दर्ज एक मामले के संबंध में 12 सितंबर को लखनऊ में एजेंसी के कार्यालय में उपस्थित होने के लिए नोटिस भी जारी किया गया है. (कुछ गंभीर अपराध करने की साजिश या आपराधिक बल का उपयोग करने या केंद्र सरकार या किसी राज्य सरकार को डराने की कोशिश करने का आरोप है).

सरकार के खिलाफ बोलने वालों को निशाना बनाया जा रहा है- बीएसएम

जबकि बीएसएम ने आरोप लगाया है कि सरकार के खिलाफ बोलने वालों को निशाना बनाया जा रहा है, पीयूसीएल ने एक बयान में कहा कि एनआईए “ऑपरेशन… एक सक्रिय मानवाधिकार और लोकतंत्र रक्षक की आवाज को दबाने का एक गंभीर प्रयास है, जो अस्वीकार्य है और पीयूसीएल एनआईए एजेंसी के इस अत्याचारी कृत्य पर कड़ी आपत्ति जताती है.”

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