Tuesday, March 11, 2025

chapra hooch tragedy: जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच के लिए पटना पहुंची NHRC की 10 सदस्य टीम

पटना: छपरा शराब हादसे (chapra hooch tragedy) में हुई मौतों की जांच के लिए NHRC की 10 सदस्य टीम पटना पहुंची है. ये टीम छपरा के प्रभावित इलाके में जाएग. छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत की जांच करने के लिए ये टीम मृतकों और पीड़ितों के परिजनों से भी मुलाकात करेगी.

13 दिसंबर को हुआ था हादसा

छपरा में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आकड़ा थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. अब तक 70 लोगों से ज्यादा की मौत हो चुकी है और काफी लोग अभी भी अस्पतालों में भर्ती है. जिसमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई है.

विधानसभा सत्र पर छाया रहा शराब से मौत का मामला

विधानसभा सत्र की शुरूआत ही हुई छपरा के शराब हादसे (chapra hooch tragedy) के साथ. पूरे सत्र विपक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनका इस्तीफा मांगता रहा. खुद सीएम एक बार सदन में इतना गुस्सा हो गए कि उन्होंने विपक्ष को शराबी तक कह दिया. इस हादसे के दौरान सीएम नीतीश कुमार के इस बयान की “जो पीएगा वो मरेगा” की भी खूब आलोचना हुई.

छपरा हादसे पर किसने क्या कहा

बीजेपी ने छपरा हादसे (chapra hooch tragedy) को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया और उनके इस्तीफे की मांग की. बीजेपी ने कहा कि ये कोई हादसा नहीं है, ये हत्या है जो सरकार की गलत शराब बंदी नीति की वजह से हुई है. बीजेपी ने मुख्यमंत्री के खिलाफ एफआईआर लिखाने की मांग भी की.
वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी इस हादसे (chapra hooch tragedy) को हत्या बताया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.
बिहार की राजनीति में अपने कदम जमाने की कोशिश कर रहे प्रशांत किशोर ने इस हादसे (chapra hooch tragedy) को लेकर बीजेपी और नीतीश कुमार दोनों को घेरा. प्रशांत किशोर ने कहा कि 48 घंटे में शराबबंदी कानून वापस ले लेना चाहिए इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी से पूछा की पिछले 5 साल जब वो सत्ता में थी तब उसने शराबबंदी कानून खत्म करने के लिए क्या किया था. प्रशांत किशोर ने कहा कि बीजेपी-आरजेडी जब सत्ता में होती है तो शराबबंदी के पक्ष में होती है.

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