सुप्रीम कोर्ट ने NewsClick Case UAPA मामले में न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है.
रिमांड और गिरफ्तारी की वजह नहीं बताने पर दी जमानत
सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बीआर गवी और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ का मानना है कि क्योंकि न्यूज़क्लिक संस्थापक कि रिमांड से पहले उन्हें या उनके वकील को गिरफ्तारी के आधार नहीं बताए गए थे. इसलिए उनकी गिरफ़्तारी और उसके बाद रिमांड अवैध थी.
हालाँकि, अब इस NewsClick Case मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया है, इसलिए शीर्ष अदालत ने ट्रायल कोर्ट की तय की जाने वाली शर्तों पर प्रबीर पुरकायस्थ को जमानत पर रिहा करने का निर्देश दिया.
दिल्ली पुलिस ने क्या लगाए आरोप
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को “भारत की संप्रभुता को बाधित करने” और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से धन लेने के आरोप में पिछले साल 3 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. एफआईआर के मुताबिक, न्यूज साइट चलाने के लिए बड़ी मात्रा में फंड चीन से आता था.
पुलिस ने दावा किया कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए एक समूह – पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म – के साथ साजिश रची.
पुलिस ने कहा कि एफआईआर में नामित संदिग्धों और डेटा के विश्लेषण में सामने आए संदिग्धों पर 3 अक्टूबर को दिल्ली में 88 और अन्य राज्यों में सात स्थानों पर छापे मारे गए. न्यूज़क्लिक के कार्यालयों और जिन पत्रकारों की जांच की गई उनके आवासों से लगभग 300 इलेक्ट्रॉनिक गैजेट भी जब्त किए गए थे.
ये भी पढ़ें-Sare Jahan In White House : व्हाइट हाउस में गूंजा सारे जहां से अच्छा….मेहमानों को खाने के लिए मिले गोलगप्पे