डेस्क: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश (Heavy Rain) ने कहर बरपा दिया है. दार्जिलिंग (Darjeeling) में अचानक आए भूस्खलन ने नौ लोगों की जान ले ली. मिरिक और कुर्सेओंग को जोड़ने वाला ऐतिहासिक दुदिया आयरन ब्रिज भी ढह गया. सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग स्टेट हाईवे-12 पर वाहनों की आवाजाही फिलहाल पूरी तरह बंद हो गई है. वहीं, सुखिया में भी चार लोगों की मौत की खबर है. स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दल ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है. लेकिन लगातार बारिश और फिसलन भरी सड़कें राहत प्रयासों में बड़ी बाधा बन रही हैं.
दक्षिण बंगाल में दुर्गा पूजा से पहले ही भारी बारिश हुई. इस बार उत्तर बंगाल प्रकृति के प्रकोप से जूझ रहा है. कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है. पहाड़ी जिलों में सबसे ज्यादा बारिश हो रही है. भारी बारिश के कारण पहाड़ी नदियां उफान पर हैं. तीस्ता, तोरसा, रैदक और जलढाका नदियों में पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है. सिलीगुड़ी-मिरिक का सीधा संपर्क टूट गया है.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन हुआ है. पुल ढह गए हैं. सड़कें तबाह हो गई हैं. मिरिक में एक के बाद एक मौत की खबरें सामने आ रही हैं. मिरिक में 9, सुखिया में 4 लोगों की मौत हो गई है. इस आपदा में कुल 13 लोगों की मौत की खबर सामने आ रही है. मिरिक से सात शव पहले ही बरामद किए जा चुके हैं. बनवासी, गोयरकाटा, नागराकाटा जैसे इलाकों में भूस्खलन हुआ है. इस कारण पहाड़ियों के पास के घरों और नदी के पास के घरों से लोगों को जल्द से जल्द निकालने की कोशिश की जा रही हैं.
आपदा के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 भी बंद है. दार्जिलिंग बिशप हाउस के पास भी भूस्खलन हुआ है. वहां पत्थर हटाने का काम चल रहा है. मिरिक में फंसे पर्यटकों को बचाने की कोशिश की जा रही है. सिलीगुड़ी और सिक्किम को जोड़ने वाले वैकल्पिक मार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग 717E पर भूस्खलन के कारण यातायात ठप हो गया है. भारी बारिश ने उत्तर बंगाल में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है.